चंबा: दीवाली की रात चंबा जिले में विभिन्न स्थानों पर आग लगने की कई घटनाएं सामने आईं, जिनसे लाखों रुपये का भारी नुक्सान हुआ। इस दौरान जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लगभग सात से आठ जगहों पर आग भड़क गई, जिनमें दुकानों, जंगलों और आसपास के रिहायशी इलाकों को नुक्सान पहुंचा। सबसे बड़ा नुक्सान ग्राम पंचायत पल्यूर में हुआ, जहां दो दुकानों में भीषण आग लगी और करीब 20 लाख रुपये का नुक्सान हो गया।
आग लगने के सटीक कारणों का पता नहीं चल सका है, लेकिन माना जा रहा है कि दीवाली की रात आतिशबाजी और पटाखों के कारण ये घटनाएं घटित हुईं। वीरवार रात करीब 1 बजे अग्निशमन विभाग को पल्यूर में आग लगने की सूचना मिली। विभाग के अधिकारी तुरंत ही मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाने का प्रयास किया। अग्निशमन विभाग के चालक कमल सिंह, फायर फाइटर अनिल और महबूब खान की टीम पानी से भरी गाड़ी लेकर घटनास्थल पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया। हालांकि, तब तक दोनों दुकानों में रखा सामान जलकर राख हो चुका था, जिससे भारी आर्थिक नुक्सान हुआ।
पल्यूर में लाखों का नुक्सान, दुकानें जलकर खाक
पल्यूर के स्थानीय निवासी और दुकानदार वशीर पुत्र कीकी तथा मोटर मैकेनिक मनोहर पुत्र सुभाष की दुकानें इस आगजनी में पूरी तरह से जल गईं। दोनों दुकानों में रखा गया सामान और महत्वपूर्ण दस्तावेज भी आग की चपेट में आ गए, जिससे करीब 20 लाख रुपये का नुक्सान हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि दीवाली की रात को लोग आतिशबाजी कर रहे थे और अचानक से दुकान के पास से धुआं उठता हुआ देखा गया।
जंगलों में भी लगी आग, रिहायशी इलाकों पर मंडराया खतरा
पल्यूर के अलावा चंबा जिले के विभिन्न जंगलों में भी आग लगने की घटनाएं सामने आईं। इन घटनाओं के कारण न केवल पर्यावरण को नुक्सान हुआ, बल्कि आसपास के रिहायशी इलाकों के लिए भी खतरा पैदा हो गया। चंबा शहर के पास मंगला, करियां, हरदासपुरा, चामुंडा, और धड़ोग क्षेत्रों में भी आग की घटनाएं दर्ज की गईं। इसके साथ ही साहो क्षेत्र के कलौता गांव में भी जंगल में आग लगने की खबर मिली, जिससे आसपास के ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया।
अग्निशमन विभाग की तत्परता, दीवाली की रात रद्द की छुट्टियाँ
चंबा अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने दीवाली से पहले ही सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियाँ रद्द कर दी थीं। ऐसा इसलिए किया गया ताकि दीवाली की रात आतिशबाजी से संभावित आग की घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। इस निर्णय का लाभ यह हुआ कि टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंच सकी और बड़ी दुर्घटना को टालने में सफल रही।
अग्निशमन विभाग के अधिकारी राजेश ठाकुर ने बताया कि चंबा में दीवाली की रात सात से आठ स्थानों पर आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। इनमें से पल्यूर में सबसे अधिक नुक्सान हुआ है, जहां दुकानें जलने के कारण करीब 20 लाख रुपये का नुक्सान हुआ है। इसके अलावा जंगलों में भी आतिशबाजी के कारण कई स्थानों पर आग भड़क गई थी, जिसे बुझाने के लिए पूरी टीम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
अधिकारियों की अपील : सावधानी बरतें, सतर्क रहें
अग्निशमन विभाग ने सभी स्थानीय निवासियों से आग्रह किया है कि वे आतिशबाजी और पटाखों का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें और खुले स्थानों में आग लगाने से बचें। दीवाली के दौरान पटाखों से उठने वाली चिंगारियों के कारण आग लगने की संभावना अधिक होती है, जिससे बड़े पैमाने पर नुक्सान हो सकता है। विभाग ने कहा है कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को देनी चाहिए।
वातावरण पर पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव
इन आग की घटनाओं के कारण न केवल आर्थिक नुक्सान हुआ है, बल्कि पर्यावरण पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जंगलों में लगी आग से कई पेड़-पौधे नष्ट हो गए, जिससे जैव विविधता को खतरा है। इसके अलावा, चंबा के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जंगलों की आग से धुआं फैलने से वायु प्रदूषण में भी वृद्धि हुई है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
इस प्रकार दीवाली के दौरान पटाखों और आतिशबाजी से होने वाले नुक्सान को कम करने के लिए हर व्यक्ति को जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए। सरकारी विभागों के अलावा, स्थानीय निवासियों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
अग्निशमन विभाग के अधिकारी ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए विभाग सुरक्षा मानकों को और सख्त करेगा। उन्होंने सभी निवासियों से अपील की है कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत विभाग को सूचित करें ताकि समय रहते नुकसान को रोका जा सके।
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