शिमला: हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) ने एचआरटीसी की छवि खराब करने और गलत बयानबाजी करने के आरोप में निजी बस ऑप्रेटरों को सख्त चेतावनी दी है। समिति के प्रमुख सलाहकार समर चौहान, सचिव खमेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष मान सिंह, और उपाध्यक्ष खेम चंद ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं रुका तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी निजी बस ऑप्रेटरों पर होगी।
जेसीसी ने स्पष्ट किया कि एचआरटीसी एक सरकारी उपक्रम है जो केवल लाभ के लिए नहीं, बल्कि जनकल्याण के लिए काम करता है, जबकि निजी बस संचालक लाभ कमाने पर केंद्रित होते हैं। एचआरटीसी के फैसले सरकार द्वारा जनता के हित में लिए जाते हैं, इसलिए निजी बस संचालकों को एचआरटीसी की देनदारियों की चिंता करने की जरूरत नहीं है। एचआरटीसी और निजी बसों की तुलना करना अनुचित है।
परमिट संबंधी मुद्दे
समिति ने कहा कि निजी बस संचालकों को उनकी इच्छा अनुसार रूट परमिट दिए गए हैं। यदि वे अपनी जिम्मेदारियां निभाने में असमर्थ हैं, तो वे अपने परमिट सरेंडर कर सकते हैं। जबकि एचआरटीसी हर स्थिति में सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।
महिलाओं के किराए में छूट
निजी बस संचालकों ने महिलाओं को दी जाने वाली 50% छूट पर सवाल उठाया है। समिति ने कहा कि एचआरटीसी ने यह छूट अपने लाभ से दी है और हम समाज के कमजोर वर्गों को मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह संकल्प आगे भी जारी रहेगा।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!