Himachal: CBSE में बदले जाएंगे 100 स्कूल, शिक्षकों की नौकरी पर मंडराया सवाल, महासंघ ने उठाई आवाज

हिमाचल प्रदेश सरकार के 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड के अधीन लाने के फैसले के बाद अब इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। सरकार की ओर से इन स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों को अन्य स्कूलों में स्थानांतरित करने की तैयारी की जा रही है, जबकि पहले संकेत दिए गए थे कि मौजूदा शिक्षकों को ही सीबीएसई स्कूलों में सेवाएं देने का मौका मिलेगा।

हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत अध्यक्ष विनोद सूद ने कहा कि सरकार ने शुरुआत में यह स्पष्ट किया था कि मौजूदा पाठशालाओं में कार्यरत शिक्षकों की सेवाएं ही सीबीएसई बोर्ड के तहत चलने वाले स्कूलों में ली जाएंगी। हालांकि अब सरकार इन स्कूलों में नए शिक्षकों की भर्ती करने की योजना बना रही है, जिससे शिक्षकों में भ्रम और चिंता बढ़ गई है।

महासंघ के प्रांत मीडिया प्रमुख शशि शर्मा ने बताया कि सभी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि उन्हें सीबीएसई स्कूलों में पढ़ाने का अवसर मिलेगा, लेकिन अब केवल पांच वर्षों के लिए नए शिक्षकों की नियुक्ति की योजना सामने आई है। इस फैसले से शिक्षक अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की सभी प्रांत और जिला इकाइयों के अध्यक्ष, महामंत्री और सदस्यों ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव से आग्रह किया है कि इन 100 स्कूलों में वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों सहित प्रदेश के सभी योग्य शिक्षकों को सीबीएसई बोर्ड के तहत अपनी सेवाएं देने का अवसर दिया जाए।

महासंघ का कहना है कि प्रदेश के शिक्षक सीबीएसई बोर्ड की आवश्यक योग्यताओं पर खरे उतरते हैं और यदि कहीं कोई कमी है तो अनिवार्य प्रशिक्षण के माध्यम से उसे पूरा किया जा सकता है। मौजूदा शिक्षकों को पूरी तरह से नजरअंदाज करना न तो तर्कसंगत है और न ही न्यायसंगत। संघ ने यह भी कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से इन स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड की कक्षाएं शुरू होना अनिवार्य है, इसलिए सरकार को इस विषय पर जल्द और स्पष्ट निर्णय लेना चाहिए।

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