Shimla: मनरेगा को लेकर कांग्रेस का बड़ा आंदोलन, गांधी का नाम हटाने पर भड़की पार्टी, सड़क से संसद तक लड़ाई का ऐलान

प्रदेश कांग्रेस ने मनरेगा से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाने और योजना के मूल स्वरूप को कमजोर किए जाने के विरोध में सोमवार को जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष विनय कुमार ने केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस न तो महात्मा गांधी का नाम कुचलने देगी और न ही इतिहास से उसे मिटने देगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा के इस कथित षड्यंत्र को किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जाएगा और इसके खिलाफ प्रदेश व देशभर में जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

विनय कुमार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण गरीबों और असहाय लोगों को उनके ही क्षेत्र में रोजगार की कानूनी गारंटी दी थी। लेकिन मौजूदा मोदी सरकार ने इस योजना पर कैंची चलाकर इसे कमजोर करने का काम किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कानून का नाम बदलकर भाजपा ने न केवल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया है, बल्कि गरीबों के अधिकारों पर भी हमला किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि जब यूपीए सरकार ने मनरेगा कानून संसद में पेश किया था, तब इस पर 100 घंटे से अधिक चर्चा के बाद सर्वसम्मति से इसे पारित किया गया था। इसके विपरीत, मोदी सरकार ने इसे जल्दबाजी में राष्ट्रपति से मंजूरी दिलवा दी, जबकि किसानों और गरीबों से जुड़े कई अहम कानून आज भी लंबित हैं। विनय कुमार ने कहा कि कांग्रेस हमेशा गरीबों और असहाय वर्ग के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रहेगी और राष्ट्रनिर्माताओं के नाम मिटाने के हर प्रयास का विरोध करेगी।

धरना-प्रदर्शन को शिमला शहर के विधायक हरीश जनारथा और महापौर सुरेंद्र चौहान ने भी संबोधित किया। उन्होंने केंद्र सरकार को किसान और गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि भाजपा का असली चेहरा अब देश के सामने आ चुका है। इस विरोध प्रदर्शन में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मेयर सुरेंद्र चौहान, यशवंत छाजटा, केहर सिंह खाची सहित कई वरिष्ठ नेता और पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे।

कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी विदित चौधरी ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने महात्मा गांधी के अपमान के साथ-साथ मनरेगा से जुड़े कामगारों के मुंह का निवाला तक छीन लिया है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे घर-घर जाकर लोगों को नए कानून और मनरेगा से जुड़े बदलावों की जानकारी दें और इसका पुरजोर विरोध करें।

ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि नया कानून पंचायतों के अधिकारों का सीधा हनन है। उनके अनुसार अब यह तय करने का अधिकार केंद्र के पास होगा कि कौन सा काम कहां किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस कानून का विरोध करती है और यह लड़ाई केवल एक कानून की नहीं, बल्कि गरीबों, मजदूरों और ग्रामीण भारत के अधिकारों की है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार ने ऐलान किया कि मनरेगा का नाम बदलने और योजना को कमजोर करने के विरोध में 29 दिसंबर को ऐतिहासिक रिज मैदान पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने अनशन किया जाएगा। इस अनशन में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रदेश मंत्रिमंडल के सभी सदस्य, कांग्रेस विधायक, पूर्व सांसद, पार्टी पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भाग लेंगे।

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