टाटा स्टील द्वारा कोलकाता में आयोजित विश्व स्तरीय एथलैटिक्स प्रतियोगिता में हिमाचल के चम्बा की धाविका सीमा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 25 हजार मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। इस ऐतिहासिक जीत के साथ सीमा ने न सिर्फ गोल्ड मेडल जीता, बल्कि 1 घंटा 26 मिनट 4 सेकेंड में दौड़ पूरी कर नया नेशनल रिकॉर्ड भी बना दिया। इस उपलब्धि के लिए उन्हें 3 लाख रुपये की नकद पुरस्कार राशि और रिकॉर्ड बनाने पर 1 लाख रुपये का अतिरिक्त बोनस दिया गया। इस तरह सीमा को कुल 4 लाख रुपये का इनाम मिला है।
अपनी इस सफलता का श्रेय सीमा ने अपने परिवार और कोच को दिया है। रिकॉर्ड टाइम हासिल करने में सहयोग करने वाले ऑफिशियल पेसर अनीष चंदेल का भी उन्होंने विशेष रूप से धन्यवाद किया। बिलासपुर निवासी अनीष चंदेल ने न केवल उन्हें रिकॉर्ड बनाने की गति में दौड़ने के लिए प्रेरित किया, बल्कि पूरे रेस के दौरान मार्गदर्शन भी किया।
सीमा इससे पहले भी कई बड़े पुरस्कार और उपलब्धियां अपने नाम कर चुकी हैं। वर्ष 2017 में एशियन यूथ चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए उनके पास आर्थिक संसाधन नहीं थे। उस समय उनकी मां ने एफडी तुड़वाकर उन्हें बैंकॉक में आयोजित प्रतियोगिता में भेजा था, जहां सीमा ने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए कांस्य पदक जीता था। आज उसी संघर्ष की बदौलत सीमा ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर भारत और हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है।
‘उड़नपरी’ और ‘गोल्डन गर्ल’ के नाम से पहचानी जाने वाली सीमा का सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। कठिन मेहनत, अनुशासन और अटूट संकल्प के दम पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। उनकी यह जीत न केवल खेल जगत के लिए बड़ी उपलब्धि है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा है, जो यह संदेश देती है कि समर्पण और मेहनत से हर सपना साकार किया जा सकता है।
इस उपलब्धि पर जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार ने सीमा को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग की है कि क्रिकेट के साथ-साथ अन्य खेलों को भी समान महत्व दिया जाए, ताकि प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के और अधिक अवसर मिल सकें।
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