Una: एंटी-चिट्टा अभियान ने पकड़ा जन-आंदोलन का रूप, ऊना में मिशन मोड पर निर्णायक एक्शन

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में नशा-मुक्त हिमाचल के लक्ष्य को लेकर चलाया जा रहा एंटी-चिट्टा अभियान अब जन-आंदोलन का रूप ले चुका है। प्रदेशभर में चल रही इस मुहिम के तहत ऊना जिले में प्रशासन, पुलिस और समाज की साझी भागीदारी से मिशन मोड में सख्त और प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। अभियान का मुख्य उद्देश्य युवाओं को चिट्टे जैसे घातक नशे की गिरफ्त से बाहर निकालना और इसकी जड़ों पर प्रहार करना है।

ऊना के उपायुक्त जतिन लाल के अनुसार, इस अभियान में जन-जागरूकता, सख्त प्रवर्तन और निरंतर निगरानी, तीनों पर एक साथ काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं इस मुहिम का नेतृत्व कर रहे हैं और इसे आम लोगों तक पहुंचाने के लिए वॉकथॉन जैसे कार्यक्रमों के जरिए जन-जागरण की अलख जगा रहे हैं। शिमला के बाद धर्मशाला और हमीरपुर में वॉकथॉन का आयोजन हो चुका है, जिसमें हजारों युवाओं और नागरिकों ने नशे के खिलाफ एकजुटता दिखाई। इसी कड़ी में जल्द ही ऊना जिले में भी वॉकथॉन आयोजित किया जाएगा।

नशे के खिलाफ जमीनी स्तर पर मजबूत रणनीति के तहत ऊना जिले की सभी 245 पंचायतों में नशा निवारण समितियों का गठन किया गया है। इनमें से चिट्टे के लिहाज से 10 पंचायतों को संवेदनशील चिन्हित करते हुए वहां विशेष निगरानी और केंद्रित कार्रवाई की जा रही है। उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक स्वयं इन क्षेत्रों का दौरा कर हालात की समीक्षा कर रहे हैं।

पंचायत स्तर पर गठित नशा निवारण समितियां इस अभियान की रीढ़ बन चुकी हैं। ये समितियां अपने क्षेत्रों में नशे की स्थिति का आकलन, संदिग्ध गतिविधियों की पहचान, तस्करों और नशा करने वालों पर नजर, जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन और पुलिस-प्रशासन से समन्वय जैसे कार्य कर रही हैं। समितियों में सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य को अध्यक्ष और क्षेत्र के पुलिस हेड कांस्टेबल को सदस्य सचिव बनाया गया है। इसके अलावा पंचायत सचिव, महिला मंडल, युवक मंडल प्रतिनिधि, आशा वर्कर, सामाजिक कार्यकर्ता, वरिष्ठ नागरिक और ग्राम रोजगार सहायक को भी शामिल किया गया है। पंचायत प्रधान और जनप्रतिनिधि एक्स-ऑफिशियो सदस्य हैं।

उपायुक्त ने साफ कहा है कि नशे के खिलाफ इस लड़ाई में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नियमित समीक्षा, समय पर सूचना साझा करना, स्कूलों और समुदायों में जागरूकता फैलाना और नशे से प्रभावित परिवारों की पहचान कर उन्हें सहायता देना इस अभियान का अहम हिस्सा है।

चिट्टे के उन्मूलन में शिक्षण संस्थानों की भूमिका को भी बेहद अहम माना गया है। जिले के सभी कॉलेजों और आईटीआई संचालकों को छात्रों के व्यवहार पर नजर रखने और किसी भी असामान्य गतिविधि की सूचना तुरंत देने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी शिक्षण संस्थान के बाहर नशा बेचने की कोशिश होती है, तो पुलिस को तत्काल सूचित करने को कहा गया है।

नशे की सप्लाई चेन तोड़ने के लिए एन-कॉर्ड के तहत हर महीने जिला स्तरीय समन्वय बैठकें हो रही हैं। पंचायत, उपमंडल और जिला स्तर पर निरंतर समीक्षा के जरिए तस्करी की हर कड़ी पर नजर रखी जा रही है। ग्राम स्तर पर नियमित बैठकें और एसडीएम स्तर पर मासिक समीक्षा से अभियान को गति दी जा रही है।

चिट्टा तस्करी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इनाम योजना भी लागू की है। पकड़ी गई चिट्टे की मात्रा के आधार पर 10 हजार से 10 लाख रुपये तक और बड़े तस्करी गिरोह की सूचना पर 5 लाख रुपये से अधिक का इनाम दिया जाएगा। नशे से जुड़ी सूचना देने के लिए 112 नंबर जारी किया गया है और सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।

पुलिस अधीक्षक अमित यादव के अनुसार, पुलिस सप्लाई चेन तोड़ने के लिए लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है, लेकिन नशे की मांग खत्म करना सबसे अहम है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों के व्यवहार में होने वाले बदलावों को नजरअंदाज न करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।

For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!

Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!