Himachal: अब प्राइवेट स्कूलों में भी फेल होंगे बच्चे: हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला, बदल गया प्रमोशन का नियम!

हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव लागू हो गया है। राज्य सरकार ने अब निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए भी यह अनिवार्य कर दिया है कि वे पांचवीं और आठवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं में न्यूनतम आवश्यक अंक हासिल करें, अन्यथा उन्हें अगली कक्षा में प्रमोशन नहीं मिलेगा।

यह निर्णय तब लिया गया जब केंद्र सरकार द्वारा ‘निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009’ में संशोधन को राज्य के सभी निजी स्कूलों पर लागू कर दिया गया। इससे पहले यह व्यवस्था केवल सरकारी स्कूलों में लागू थी।

नई प्रणाली के तहत यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में पास नहीं होता, तो उसे अपनी कमजोरियों को सुधारने के लिए एक और मौका दिया जाएगा। लेकिन अगर वह दूसरे प्रयास में भी 33 प्रतिशत अंक हासिल नहीं कर पाता, तो उसे उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा।

शीतकालीन बंद विद्यालयों में यह नियम दिसंबर 2025 की परीक्षाओं से लागू होगा, जबकि ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूलों में यह व्यवस्था मई की परीक्षाओं से प्रभावी हो जाएगी। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला अधिकारियों को इस बदलाव के बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं। निदेशक स्कूल शिक्षा आशीष कोहली ने इस फैसले की पुष्टि की है।

नए नियम के मुताबिक छात्रों को पास घोषित होने के लिए दो मुख्य शर्तें पूरी करनी होंगी। पहली, उन्हें कुल मिलाकर कम से कम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे। दूसरी, शैक्षिक मूल्यांकन SA-1 और SA-2 के हर विषय में भी न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा।

सरकार का मानना है कि यह कदम छात्रों में शिक्षा के प्रति गंभीरता बढ़ाएगा और उन्हें आठवीं कक्षा के बाद आने वाली शैक्षणिक चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार करेगा।

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