जुब्बल (शिमला), 8 नवंबर: विकास खंड जुब्बल की सारी पंचायत में आखिरकार साढ़े चार साल बाद न्याय की जीत हुई है। करीब पांच साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद रंजू नेगटा को सारी पंचायत की प्रधान घोषित किया गया है। शुक्रवार को जुब्बल के एसडीएम गुरमीत नेगी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
यह मामला वर्ष 2021 के पंचायत चुनावों से जुड़ा है। उस समय प्रधान पद के लिए रंजू नेगटा और अनु रांगटा आमने-सामने थीं। 21 जनवरी 2021 को घोषित परिणामों में अनु रांगटा को 247 और रंजू को 246 वोट मिले थे, और महज एक वोट के अंतर से अनु रांगटा विजेता घोषित कर दी गई थीं।
परिणाम पर आपत्ति जताते हुए रंजू ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पक्ष में पड़े कई वोटों को गलत तरीके से अवैध घोषित किया गया, जबकि कुछ वोट अनुचित रूप से वैध माने गए।
हाईकोर्ट में खुला मामला, रीकाउंटिंग से बदली तस्वीर
मामले की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने चुनाव रिकॉर्ड मंगवाकर वोटों की दोबारा गिनती (रीकाउंटिंग) करवाई। रीकाउंटिंग के बाद स्पष्ट हुआ कि अनु रांगटा को 244 वोट और रंजू नेगटा को 245 वोट मिले थे।
इसके आधार पर न्यायालय ने 26 सितंबर को फैसला सुनाते हुए रंजू नेगटा को सारी पंचायत की वैध प्रधान घोषित किया।
न्यायालय के आदेशों की पालना करते हुए उपायुक्त शिमला ने 14 अक्तूबर को अधिसूचना जारी की, जिसके बाद शुक्रवार को जुब्बल में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया।
“न्याय की जीत हुई है” — रंजू नेगटा
प्रधान पद की शपथ लेने के बाद रंजू नेगटा ने कहा,
“लगभग पांच साल की कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार यह ऐतिहासिक पल आया है। पांच साल पहले जो धांधली हुई थी, वह अब सामने आ गई है। मुझे खुशी है कि सच की जीत हुई और लोकतंत्र में न्याय की स्थापना हुई।”
सिर्फ दो महीने का कार्यकाल
हालांकि, रंजू नेगटा को यह जिम्मेदारी सिर्फ दिसंबर तक के लिए मिली है, क्योंकि प्रदेश में दिसंबर या जनवरी में पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं।
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