Shimla: रामपुर में लगा विशाल विधिक साक्षरता शिविर: नशे, बच्चों की सुरक्षा और पर्यावरण पर जागरूक हुए सैकड़ों लोग 

रामपुर (किन्नौर)। समाज में कानूनी जागरूकता फैलाने और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए रविवार को रामपुर के डिग्री कॉलेज सभागार में विशाल विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर द्वारा आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष न्यायाधीश मदन कुमार मुख्य अतिथि रहे, जबकि न्यायाधीश रणजीत सिंह, सदस्य सचिव, हिमाचल प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण, विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। शिविर का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से किया गया।

कानून की जानकारी ही सशक्त समाज की नींव

मुख्य अतिथि न्यायाधीश मदन कुमार ने कहा कि “विधिक साक्षरता समाज को शोषण से मुक्त करने का सबसे मजबूत हथियार है।”

उन्होंने कहा कि हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि कानून व्यक्ति के जन्म से पहले और मृत्यु के बाद तक प्रभावी रहता है।

उन्होंने नशे के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि “अगर गवाह कोर्ट में बयान बदलेंगे तो अपराधी बच जाएंगे और समाज गलत दिशा में जाएगा। हमें तय करना है कि आने वाली पीढ़ी को नशामुक्त समाज देना है या नशे की जकड़ में फंसा हुआ।”

“विधिक साक्षरता शिविर गरीबों को न्याय से जोड़ते हैं”

विकेश कुमार कोचर, उप मुख्य कानूनी सहायता रक्षा वकील, ने कहा कि ऐसे शिविर गरीब और कमजोर वर्गों को कानूनी हक़ों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि मुफ्त कानूनी सहायता और जागरूकता से नागरिक न्याय व्यवस्था में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।

न्यायाधीश जितेंद्र कुमार, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, किन्नौर ने अतिथियों का स्वागत और आभार व्यक्त किया।

लघु नाटिका, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शनी ने बढ़ाई रौनक

शिविर में राजनीतिक विज्ञान विभाग के छात्रों ने “नशामुक्त समाज, भारत का संकल्प” विषय पर लघु नाटिका प्रस्तुत की, जिसने सबका ध्यान खींचा।

इसके अलावा खंड विकास कार्यालय रामपुर बुशहर की टीम ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया। कॉलेज परिसर में विभिन्न विभागों ने प्रदर्शनियां भी लगाईं।

कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरमेश, वरिष्ठ सिविल जज बलजीत, एसडीएम हर्ष अमरेंद्र नेगी, महिला मंडल प्रतिनिधि, पंचायत सदस्य और छात्र बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

“पॉक्सो एक्ट बच्चों की सुरक्षा की ढाल” — न्यायाधीश नेहा दहिया

न्यायाधीश नेहा दहिया ने “यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण” विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि POCSO एक्ट के तहत 18 साल से कम उम्र के लड़के और लड़कियां दोनों कानूनी सुरक्षा के दायरे में आते हैं।

उन्होंने कहा कि अभिभावकों को बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में सिखाना चाहिए और किसी भी शोषण की स्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए।

“नशे से दूर रहें, खेलों से जुड़ें” — एसएचओ आशीष कौशल

एसएचओ आशीष कौशल ने कहा कि “नशा आज युवा पीढ़ी की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।” उन्होंने युवाओं को खेलों और पढ़ाई की ओर प्रेरित करते हुए कहा कि पुलिस नशा कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।

शिमला पुलिस अब तक 1100 से अधिक एनडीपीएस एक्ट के केस दर्ज कर चुकी है, और कई बड़े तस्करों को जेल भेजा गया है।

“पर्यावरण की रक्षा, धरती की सुरक्षा” — वकील तनुजा ठाकुर

तनुजा ठाकुर ने पर्यावरण संरक्षण विषय पर कहा कि हमें वायु, जल, भूमि और जैव विविधता की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

उन्होंने कहा कि “धरती का संरक्षण हमारे अस्तित्व का संरक्षण है।”

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