
दिनांक 6 जुलाई 2025 को सोलन जिले के बथालग स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद का त्रैवार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया। इस अधिवेशन में अर्की विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय अवस्थी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय भाषाओं की जननी और सनातन जीवन परंपरा की मूल धारा है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा का अध्ययन व्यक्ति की मानसिकता में शुद्धता और स्वच्छता का संचार करता है और यह जीवन के नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करता है।

विधायक अवस्थी ने कहा कि संस्कृत शिक्षक केवल भाषा का ज्ञान नहीं देते, बल्कि इस अमूल्य धरोहर के संरक्षण का कार्य भी करते हैं। उन्होंने बताया कि संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है और इसके माध्यम से धार्मिक, दार्शनिक और साहित्यिक ग्रंथों को समझना संभव होता है। उन्होंने यह भी कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी संस्कृत की महत्ता को स्वीकार किया गया है और विश्व की कई भाषाओं की जड़ संस्कृत में है। उन्होंने गर्व व्यक्त किया कि हम उस समाज का हिस्सा हैं, जहां इस महान भाषा का जन्म हुआ।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अधिवेशन संस्कृत भाषा के संरक्षण और प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संस्कृत भाषा युवाओं को नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से दूर रखने में सहायक हो सकती है, क्योंकि यह भाषा उन्हें प्राचीन ज्ञान और जीवन मूल्यों से जोड़ती है, जिससे उनके विचारों में सकारात्मक परिवर्तन आता है।
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सोच की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षित समाज ही आगे बढ़ सकता है और सरकार इसी दिशा में विभिन्न योजनाएं चला रही है। उन्होंने बताया कि डॉ. वाई.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना के तहत छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज दर पर 20 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिससे मेधावी छात्रों को लाभ मिल रहा है।

किसानों और पशुपालकों के हित में लिए गए फैसलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने गाय के दूध की न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹45 से बढ़ाकर ₹51 प्रति लीटर और भैंस के दूध का मूल्य ₹55 से बढ़ाकर ₹61 प्रति लीटर कर दिया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
इस अवसर पर कोविड-19 काल के दौरान संस्कृत भाषा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया। विधायक संजय अवस्थी ने परिषद को 21,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की। साथ ही, उन्होंने जन समस्याएं भी सुनीं और संबंधित अधिकारियों को उनके शीघ्र समाधान के निर्देश दिए।
अधिवेशन में तहसीलदार अर्की विपिन शर्मा, जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता विवेक कटोच, विद्युत बोर्ड के अधिशाषी अभियंता संदीप शर्मा, परिषद अध्यक्ष डॉ. मनोज शैल, महासचिव अमित शर्मा, सचिव सोहन लाल, संगठन मंत्री ललित शर्मा, तथा सदस्य कमल गौतम, रवींद्र मेहता, डॉ. त्रिलोक ठाकुर सहित प्रदेश भर से आए संस्कृत शिक्षक मौजूद रहे।
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