विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 22 से 24 मई के बीच जर्मनी की आधिकारिक यात्रा की, जहां उन्होंने जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक चर्चा की। यह यात्रा ऐसे समय में हुई जब भारत और जर्मनी अपनी रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। साथ ही, जर्मनी में नई सरकार के गठन के एक महीने के भीतर यह यात्रा इस बात का संकेत है कि दोनों देश आपसी संबंधों को कितनी प्राथमिकता दे रहे हैं।
जयशंकर और वेडफुल की बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा, कृत्रिम मेधा (एआई), डिजिटल टेक्नोलॉजी और हरित एवं सतत विकास जैसे प्रमुख रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने की अपनी साझा प्रतिबद्धता दोहराई। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, इस यात्रा से भारत और जर्मनी के बीच राजनीतिक, आर्थिक, तकनीकी और लोगों के बीच संबंधों को नई ऊर्जा मिली है।
जयशंकर ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से भी मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दीं। चांसलर मर्ज ने भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को और गहराई देने के प्रति अपने मजबूत समर्थन का आश्वासन दिया। जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के संघर्ष में जर्मनी की एकजुटता की सराहना भी की।
यात्रा के दौरान, जयशंकर ने संघीय आर्थिक मामलों और ऊर्जा मंत्री कैथरीना रीचे, तथा चांसलर के विदेश और सुरक्षा नीति सलाहकार जी. साउटर से भी मुलाकात की। उन्होंने जर्मन संसद के सदस्यों, विदेश और सुरक्षा नीति विशेषज्ञों तथा भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों से भी संवाद किया।
बयान में यह भी बताया गया कि जर्मनी भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को आगे बढ़ाने का एक प्रबल समर्थक है, जिसमें मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को शीघ्रता से पूरा करना भी शामिल है। इस यात्रा ने भारत और जर्मनी के बीच नए सिरे से जुड़ाव का अवसर प्रदान किया और साझा रणनीतिक हितों को मजबूती देने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए गए।
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