7 मई की आधी रात भारतीय सेना और वायुसेना के संयुक्त ऑपरेशन ने पाकिस्तान की धरती पर इतिहास रच दिया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया। इस सटीक एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों और सैन्य तंत्र में अफरा-तफरी मच गई है।
कंधार हाईजैक का गुनहगार अब नहीं रहा
इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि भारतीय विमान IC-814 के 1999 में हुए हाईजैक का मास्टरमाइंड अब्दुल रऊफ अज़हर मारा गया। अब्दुल रऊफ, जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष कमांडर था और भारत की मोस्ट वांटेड आतंकी सूची में शामिल था। यह वही शख्स है जिसने 1999 में इंडियन एयरलाइन्स फ्लाइट को हाईजैक कर कंधार ले जाने की साजिश रची थी।
मसूद अज़हर का सगा भाई था अब्दुल रऊफ
अब्दुल रऊफ, जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अज़हर का छोटा भाई था। यह आतंकी संगठन भारत में हुए कई हमलों का जिम्मेदार रहा है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के बहावलपुर क्षेत्र में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक में रऊफ मारा गया। इस हमले ने जैश की कमर तोड़ दी है।
भारत का दो टूक संदेश: आतंक के खिलाफ नहीं होगी कोई नरमी
‘ऑपरेशन सिंदूर’ न केवल एक जवाबी कार्रवाई है बल्कि यह भारत की नई सैन्य नीति का स्पष्ट संकेत भी है। अब भारत आतंकी हमलों का जवाब सिर्फ कूटनीति से नहीं बल्कि प्रत्यक्ष सैन्य ताकत से भी देगा। पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत की इस कार्रवाई को वैश्विक समुदाय से भी समर्थन मिल रहा है।
पाकिस्तान में हड़कंप, नेताओं की बयानबाजी शुरू
इस हमले के बाद पाकिस्तान में सियासी और सैन्य हलकों में बेचैनी है। हालांकि पाकिस्तानी नेता जवाबी कार्रवाई की धमकियां दे रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि भारत की यह एयरस्ट्राइक उनकी सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह विफल कर गई। उनकी खुफिया एजेंसियां इस ऑपरेशन की भनक तक नहीं पा सकीं।
निष्कर्ष: आतंक के खिलाफ निर्णायक मोड़
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारत को न केवल अपने शहीदों का बदला दिलाया है, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश है कि भारत अब किसी भी आतंकी साजिश को बिना जवाब के नहीं छोड़ेगा। इस ऑपरेशन की सफलता भारतीय जनता और सेना के मनोबल को नई ऊंचाइयों पर ले गई है।
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