जोगिंदर नगर, 6 मई – वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत जोगिंदर नगर में विकास खंड द्रंग की दस ग्राम पंचायतों के अधीन आने वाली वन अधिकार समितियों (एफआरसी) के प्रधानों और सचिवों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता एसडीएम मनीष चौधरी ने की। इस अवसर पर उन्होंने निर्देश दिए कि निष्क्रिय पड़ी समितियों का समयबद्ध गठन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में उपमंडल स्तर पर ग्राम सभा, राजस्व और वन अधिकारियों को जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि एफआरसी सदस्य, वन अधिकारी तथा राजस्व अधिकारी द्वारा एफआरए दावों का क्षेत्रीय निरीक्षण किया जाए तथा उन्हें ग्राम सभा में प्रस्तुत कर अनुमोदित करवाया जाए।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि दावों की समीक्षा के समय वन अधिकार समिति के अलावा वन अधिकारी और राजस्व अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य है। एसडीएम ने कहा कि ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित दावों को एसडीएलसी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा तथा एसडीएलसी द्वारा अनुमोदित किए गए दावे डीएलसी को भेजे जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा इसका वार्षिक कैलेंडर जारी किया गया है, जिसके अनुसार ग्राम सभा वर्ष भर में कभी भी दावे आमंत्रित कर सकती है और इस दौरान कोई भी समुदाय दावा पेश कर सकता है, जिसे समयबद्ध रूप से निपटाना सुनिश्चित किया जाएगा। इस कार्यशाला के दौरान तहसीलदार जोगिंदर नगर मुकुल शर्मा, वन परिक्षेत्र अधिकारी जोगिंदर नगर अक्षय राणा, वन परिक्षेत्र अधिकारी उरला शिवम के साथ विभिन्न पंचायतों के जनप्रतिनिधि, पटवारी और ग्राम पंचायतों के सचिव भी उपस्थित रहे।
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