धर्मशाला: धर्मशाला में चल रहे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने शहर के लोगों की ज़िंदगी मुश्किल कर दी है। इस परियोजना के चलते खुली खाईयां, अधूरी सड़कें और घटिया निर्माण ने लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। शहर की प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा भी खतरे में है।
इस परियोजना से प्रभावित होने वाली एक महिला, दीपमाला खांका, जो सड़क पर मोमोज बेचकर अपनी आजीविका चलाती थीं, 19 सितंबर की रात को मैक्सिमस मॉल के पास एक खुले गड्ढे में गिर गईं। इस हादसे में उनका पैर टूट गया और अब वे बिस्तर पर हैं, बिना किसी आय और मदद के जीवन व्यतीत कर रही हैं।
यह अकेला मामला नहीं है। हाल ही में एक रेस्टोरेंट मालिक की कार एक दीवार गिरने से क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बावजूद, प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लोग अब यह सवाल उठा रहे हैं कि इस परियोजना के पैसों का सही इस्तेमाल क्यों नहीं हो रहा और जवाबदेही किसकी है?
परियोजना से जुड़ी वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप भी सामने आए हैं। एक अभियंता, जिसने कथित रूप से धन का दुरुपयोग किया, अब चंडीगढ़ में आराम की ज़िंदगी बिता रहा है। जनता अब इन सब मुद्दों पर जवाब मांग रही है कि आखिर इस प्रोजेक्ट की सही निगरानी क्यों नहीं हो रही।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, जो धर्मशाला के विकास के लिए लाया गया था, ने लोगों को और अधिक परेशानियों में डाल दिया है। अब लोग प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर कब इन समस्याओं का समाधान होगा।