हिमाचल प्रदेश में पहली बार युवाओं ने अपने खर्चे से लावारिश पशुओं की सुरक्षा के लिए अनूठी पहल की है। नगरोटा बगवां क्षेत्र के सद्दूं पंचायत से 50 युवाओं का दल समलोटी, भवारना, नगरोटा बगवां सहित कई इलाकों में गया और 100 से अधिक लावारिश पशुओं को रेडियम बेल्ट पहनाकर सड़क हादसों को रोकने की कोशिश की। इस अभियान का नेतृत्व एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष, नंबरदार, सहकारी सभा प्रधान और समाजसेवी बलविंद्र सिंह बबलू ने किया।
बलविंद्र सिंह बबलू ने बताया कि ग्रामीणों ने उनसे शिकायत की थी कि रात के अंधेरे में लावारिश पशुओं के कारण सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। इस समस्या को देखते हुए, स्थानीय युवा उनके पास पहुंचे और मिलकर समाधान निकालने का फैसला किया। युवा बड़े शहरों से 200 रेडियम बेल्ट खरीदकर लाए और वेटरिनरी कोर्स कर चुके अतुल सिपहिया और ऋषभ की देखरेख में पूरी सावधानी के साथ पशुओं को बेल्ट पहनाई गई।
यह अभियान नगरोटा बगवां, समलोटी, सुलाह, भवारना, छूघेरा, निहारगलू, ठारू, हटवास और धीरा जैसे क्षेत्रों में चलाया गया। इस दौरान युवाओं का दल पूरी रात काम करने के बाद अगली सुबह सद्दूं पंचायत लौटा। इस मुहिम में रुद्राक्ष राजपूत, विकास, प्रिंस, अमित, विशाल, सुशील, मनोज, अमन, अंकित, अंश, आरुष, अरमान, साहिल राजपूत, प्रासू मेहरा और प्रथम राजपूत सहित कई युवा शामिल रहे।
बलविंद्र सिंह बबलू ने बताया कि हिमाचल में करीब 25,000 लावारिश पशु हैं, जो 40% से अधिक फसलें नष्ट कर देते हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि अधूरे पड़े गोसदनों को जल्द शुरू किया जाए और अन्य गोसदनों की स्थिति में सुधार किया जाए। इसके अलावा, पशु गणना को नियमित रूप से करने से सही आंकड़े मिल सकेंगे, जिससे इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में काम किया जा सकेगा।
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