रिड़कमार, 7 नवंबर – राजकीय महाविद्यालय रिड़कमार में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एक दिवसीय योग सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आयुर्वेदिक चिकित्सालय दरीणी से श्रीमती सुमना ने विद्यार्थियों को विभिन्न योगासन और प्राणायाम का अभ्यास करवाया और योग के महत्व पर प्रेरणादायक विचार साझा किए।

सत्र की शुरुआत सूर्यनमस्कार के बारह आसनों से हुई। इसके बाद भ्रामरी प्राणायाम, सुखासन, ताड़ासन सहित अन्य आसनों का अभ्यास कराया गया। श्रीमती सुमना ने बताया कि नियमित योगाभ्यास से शरीर और मन दोनों का संतुलन बना रहता है। उन्होंने कहा कि योग व्यक्ति को तनावमुक्त, अनुशासित और सकारात्मक बनाता है।



इस अवसर पर कार्यवाहक प्राचार्य मनोज कुमार ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे योग को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, जिससे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूती प्राप्त हो सके।


योग सत्र को सफल बनाने में अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर हाकम चंद का विशेष योगदान रहा। उनके मार्गदर्शन में कार्यक्रम का संचालन सुव्यवस्थित और उत्साहपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
इस आयोजन में एनएसएस के स्वयंसेवकों सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और स्वस्थ जीवन के लिए योग को अपनाने का संकल्प लिया।
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