बुधवार देर रात आई भीषण आंधी-तूफान ने जिला ऊना को बुरी तरह हिला कर रख दिया। कुछ ही देर की तबाही ने जनजीवन को थाम दिया। बिजली गुल होने से जिला अंधेरे में डूब गया, जबकि तेज हवाओं ने घरों की छतें, टैंट, पेड़ और सोलर पैनल तक उड़ा दिए। तूफान से विद्युत बोर्ड को 10 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान हुआ है। 1325 ट्रांसफार्मर और सैकड़ों पोल क्षतिग्रस्त हो गए। सबसे अधिक नुकसान गगरेट (556), हरोली (350), अंब (269), ऊना व थानाकलां (75-75) क्षेत्रों में हुआ। बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए विभाग ने कई कांट्रैक्टरों की सहायता ली, लेकिन कई क्षेत्रों में वीरवार दोपहर तक भी आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। विभाग के अनुसार स्थिति सामान्य होने में एक सप्ताह लग सकता है।

तूफान में अनेक पेड़ सड़कों पर गिर गए, जिससे कई सड़कें अवरुद्ध हो गईं। लोक निर्माण विभाग और स्थानीय लोगों ने मिलकर रास्तों को साफ किया, लेकिन आज भी कई लिंक रोड पर पेड़ हटाने का काम जारी रहा। मैहतपुर क्षेत्र में गिरी तारों की चपेट में आने से दो गौवंश की मौत हो गई। वहीं तूफान और बारिश ने किसानों को भी तगड़ा नुकसान पहुंचाया। कई जगह कटाई की तैयार गेहूं की फसलें उड़ गईं, जबकि खड़ी फसलें खेतों में बिछ गईं। तूड़ी भी उड़ने से पशुपालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

रामपुर बेला गांव में आए तूफान की चपेट में आकर एक पोल्ट्री फार्म पूरी तरह बर्बाद हो गया, जिसे लगभग 20 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया था। राहत की बात यह रही कि उस समय फार्म में मुर्गियां नहीं थीं, जिससे भारी नुकसान होने से बचाव हो गया। इसी बीच, हीरा नगर और मुबारिकपुर में भी तेज तूफान के दौरान आग लगने की घटनाएं सामने आईं, लेकिन स्थानीय लोगों की सूझबूझ से समय रहते हालात काबू में आ गए और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

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