कांगड़ा जिले के उपमंडल देहरा के अंतर्गत आने वाले शेरलुहार पंचायत के छोटे से गांव टिल्ली में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। रविवार की देर रात 43 वर्षीय देव राज शर्मा ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ा दी और परिवार सहित आस-पड़ोस के लोगों को स्तब्ध कर दिया।
घटना का विवरण
मृतक देव राज शर्मा, पुत्र हमीर चंद, अपने घर के कमरे में अकेले थे। जानकारी के अनुसार, उन्होंने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया था। जब काफी समय तक दरवाजा नहीं खुला, तो उनकी पत्नी ने खिड़की के माध्यम से अंदर झांक कर देखा। अंदर का दृश्य देखकर पत्नी के होश उड़ गए, क्योंकि देव राज छत पर लगी कुंडी से बनाए फंदे से लटके हुए थे।
घबराई पत्नी ने तुरंत शोर मचाया और आस-पड़ोस के लोगों को बुलाया। ग्रामीणों ने मिलकर कमरे का दरवाजा खोला और देव राज को फंदे से उतारा। हालांकि, तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस थाना हरिपुर और पुलिस चौकी रानीताल की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने पूरे घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल देहरा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
इस मौके पर डीएसपी देहरा, शुमायला चौधरी भी घटनास्थल पर पहुंची और पूरे मामले का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि अभी तक आत्महत्या के पीछे स्पष्ट कारण नहीं पता चल पाए हैं और पुलिस छानबीन कर रही है। कमरे में किसी भी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला है।
मृतक का पारिवारिक और सामाजिक जीवन
देव राज शर्मा कुछ समय पहले तक शेरलुहार पंचायत के वार्ड पंच रह चुके थे, लेकिन करीब एक-डेढ़ साल पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के बाद उन्होंने अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए ब्याह-शादियों में रसोइए का काम किया।
देव राज की दो शादियां हुईं। पहली पत्नी से उनके तीन बच्चे हैं, जबकि दूसरी पत्नी से उनका एक बेटा है, जो जन्म से ही दिव्यांग था। परिवार के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं और इस नुकसान से गहरे शोक में डूबे हैं।
पड़ोसियों और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
ग्रामीणों का कहना है कि देव राज शर्मा शांत और मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे। उन्होंने हमेशा मदद करने का रवैया अपनाया और गांव के छोटे-मोटे कामों में सहयोग किया। लोग यह भी कहते हैं कि हाल के कुछ समय में उन्हें किसी प्रकार की मानसिक परेशानी का कोई संकेत नहीं दिखा।
घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। लोगों ने कहा कि किसी भी परिवार में ऐसी घटना अत्यंत दुखद और चौंकाने वाली होती है।
पुलिस की जांच
डीएसपी देहरा ने स्पष्ट किया कि मामले की गहन जांच जारी है। पुलिस मृतक के परिवार, पड़ोसियों और आसपास के लोगों के बयान दर्ज कर रही है। छानबीन का मकसद यह पता लगाना है कि आखिरकार देव राज ने आत्महत्या करने का कदम क्यों उठाया।
सिविल अस्पताल देहरा से शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा, और रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम कारण स्पष्ट हो पाएगा। पुलिस ने सभी ग्रामीणों से अपील की है कि इस समय अफवाहों पर ध्यान न दें और जांच में सहयोग करें।
मानसिक स्वास्थ्य और समाज की भूमिका
इस दुखद घटना ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव, परिवारिक या आर्थिक समस्याएं, और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी अक्सर ऐसे कदमों की वजह बन सकती हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे मामलों में समय पर मदद और समर्थन की अत्यधिक आवश्यकता है। परिवार, मित्र और समाज के लोग व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर ध्यान देकर और समय पर मदद पहुंचाकर ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोका जा सकता है।
निष्कर्ष
टिल्ली गांव में हुई यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए चेतावनी भी है। प्रशासन और पुलिस की गहन जांच के बाद ही मामले के पीछे के कारणों का पता चलेगा।
इस घटना ने समाज को यह संदेश दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक समर्थन की अहमियत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हर व्यक्ति को परिवार और समाज से जुड़ाव, ध्यान और समझ की आवश्यकता होती है।
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