हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब स्थित अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश कपिल शर्मा की अदालत ने हत्या के प्रयास और मारपीट के मामले में सात दोषियों को सजा सुनाई है। अदालत ने तीन दोषियों—जमील अहमद, बकिल मोहम्मद और मुबारक अली—को आईपीसी की धारा 307 के तहत दोषी करार देते हुए पांच वर्ष की सजा और ₹10,000 जुर्माने की सजा सुनाई। इसके अलावा, धारा 325 में छह महीने की सजा और ₹1,000 जुर्माना तथा धारा 341 में एक महीने की सजा दी गई।
अन्य चार दोषियों—सधाम हुसैन, खालिद हुसैन, सकिल अहमद और अला बक्शी—को आईपीसी की धारा 325 और 323 के तहत छह-छह महीने की सजा और प्रत्येक को ₹1,000 का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा, धारा 341 के तहत भी सभी चार दोषियों को एक महीने की सजा दी गई। अदालत ने आदेश दिया कि यदि जुर्माना अदा नहीं किया जाता, तो दोषियों को छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
यह मामला 18 नवंबर 2015 का है, जब शिकायतकर्ता शराफत अली निवासी खारा ने पांवटा साहिब पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी कि दोषियों ने उनके और उनके परिवार के साथ मारपीट की थी। मामले की जांच एएसआई देवी सिंह प्रभारी माजरा पुलिस द्वारा की गई। जांच के दौरान गवाहों के बयान दर्ज किए गए और पर्याप्त साक्ष्य जुटाए गए, जिसके बाद अदालत में धारा 341, 323, 307, और 34 के तहत चालान पेश किया गया।
मुकदमे के दौरान अदालत में कुल 15 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने दोषियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई।
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