Shahpur: ग्राम पंचायत सिहुवां के पंचायत भवन पर विवाद, भूमि के उपयोग को लेकर उठे सवाल

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ग्राम पंचायत सिहुवां के पंचायत भवन को लेकर विवाद का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। सिहुवां के पूर्व उपप्रधान और कुछ स्थानीय लोगों ने वर्तमान प्रधान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले ग्राम पंचायत के प्रधान ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर लोगों को गुमराह किया। इस पोस्ट में यह कहा गया था कि ग्राम पंचायत सिहुवां को 10 कनाल भूमि मोहरू वार्ड (बाग) में मंजूर हुई है। लेकिन जब स्थानीय लोगों ने इस बारे में विभाग से जानकारी ली, तो उन्हें आरटीआई (RTI) के माध्यम से पता चला कि यह भूमि अनुसूचित जनजाति के सामुदायिक केंद्र के निर्माण के लिए मंजूर हुई है, जैसा कि Schedule Tribe Other Traditional and Forest Dwellers (Recognition Right of Forest) Act 2006 के तहत है।

इस भूमि का उपयोग केवल अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए किया जा सकता है। इसके बाद, स्थानीय लोगों ने प्रधान से सवाल किया कि वह यहां कौन सा कार्यालय बनाएंगे, क्योंकि यह भूमि तो अनुसूचित जनजाति के लिए विशेष रूप से निर्धारित है। इसके अलावा, इस भूमि पर गद्दी, गुज्जर और घुमंतू लोग अपने भेड़-बकरियों को ठहरा सकते हैं और यहां भेड़-बकरियों की मंडी भी लगाई जा सकती है।

स्थानीय लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों के सामने यह सवाल रखा कि इस सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए किसकी मंजूरी मिली थी, यह किस भूमि पर बनाया गया था, और इसके निर्माण के लिए फंड किस सरकार ने मंजूर किया था। इस बारे में वन परिक्षेत्र अधिकारी शाहपुर को एक पत्र भी सौंपा गया है, और इसकी प्रतिलिपि कांगड़ा जिले के उपायुक्त, वन मण्डल अधिकारी धर्मशाला और विकास खंड अधिकारी रैत को भेजी गई है।

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पूर्व प्रधान ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी और कहा कि पिछले डेढ़ साल से पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) का पैसा लोक निर्माण विभाग के खाते में पड़ा हुआ है, जो फोरलेन निर्माण की जद में था। उन्होंने यह भी बताया कि सात कनाल भूमि स्वर्गीय श्री दूलो राम द्वारा स्वास्थ्य विभाग को दान की गई है, लेकिन वहां अभी तक कोई निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।

पूर्व प्रधान ने यह भी कहा कि उनकी पंचायत का भवन लगभग 40 साल पुराना है, और इस भवन के पास खाली सरकारी भूमि है, जिस पर नया भवन बनाया जा सकता है। इस मुद्दे पर स्वास्थ्य अधिकारियों से भी सवाल पूछा गया है कि पीएचसी का निर्माण अब तक क्यों नहीं हुआ।

इस अवसर पर पूर्व उपप्रधान बिन्दु राणा, लाल सिंह राणा, सुभाष चन्द, आकाश कुमार, प्रदीप राणा, रोहित राणा, मदन लाल शर्मा, शंकर लाल, करनैल सिंह और अन्य कई लोग मौजूद थे।

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