जिला बिलासपुर में महिलाओं को सुरक्षित आश्रय, परामर्श और पुनर्वास जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने यहां शक्ति सदन के संचालन के लिए योग्य गैर सरकारी संस्थाओं (NGOs) से आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसकी जानकारी उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि जिले की कोई भी पंजीकृत संस्था यदि इस सामाजिक सेवा से जुड़ना चाहती है, तो वह निर्धारित प्रारूप में सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित अपना आवेदन जिला बाल विकास परियोजना अधिकारी या जिला कार्यक्रम अधिकारी के कार्यालय में 31 दिसंबर तक जमा कर सकती है।
उपायुक्त ने बताया कि शक्ति सदन का उद्देश्य असहाय और जरूरतमंद महिलाओं को सुरक्षित आश्रय, परामर्श, पुनर्वास और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान करना है। इसलिए जिन संस्थाओं का चयन किया जाएगा, उनके पास समाज सेवा का अनुभव, पर्याप्त संसाधन और सेवा प्रदान करने की क्षमता होनी आवश्यक है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आवेदन करने वाली संस्थाओं का नीति आयोग के दर्पण पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य है। इसके साथ ही पंजीकरण का सत्यापन राज्य स्तर के प्रशासनिक सचिव द्वारा किया जाएगा। यदि संस्था ने विदेशी अंशदान प्राप्त किया है या इसके लिए आवेदन किया है, तो उन्हें विदेशी (विनियमन) अधिनियम 2010 के नियमों का पालन करना होगा। संस्था को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि समान उद्देश्य के लिए किसी अन्य सरकारी स्रोत से अनुदान की दोहरी प्राप्ति न हो।
अधिक जानकारी के लिए संस्थाएं जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय, कल्याण भवन में किसी भी कार्य दिवस पर संपर्क कर सकती हैं।
यह पहल जिला की महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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