शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास के नाम पर ऐतिहासिक बाज़ार ने अपनी पहचान और रोज़गार दोनों गंवा दिए हैं। पठानकोट-मंडी फोरलेन के निर्माण के कारण शाहपुर का 100 साल पुराना बाज़ार पूरी तरह से तबाह हो गया। पहले ही इस परियोजना के चलते 150 से अधिक दुकानें तोड़ी जा चुकी हैं, जिससे लगभग 1000 लोगों का रोज़गार छिन गया।
अब शाहपुर बाज़ार में फोरलेन के दोनों ओर आठ-आठ मीटर चौड़ी सर्विस लेन तैयार की जा रही है, जो बचे हुए दुकानदारों के लिए एक और बड़ा संकट बन गई है। शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में फोरलेन परियोजना का कार्य तेज़ी से चल रहा है और स्थानीय बाज़ार लगातार प्रभावित हो रहा है।
इस ऐतिहासिक बाज़ार को बचाने के लिए शाहपुर बाज़ार बचाओ संघर्ष समिति ने लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किए, लेकिन फोरलेन निर्माण कंपनी ने केवल प्रस्तावित रोडमैप के अनुसार ही कार्य किया और बाज़ार को बचाने की कोई वैकल्पिक योजना नहीं बनाई।
अब जब सर्विस लेन तैयार हो रही है, तो समिति और स्थानीय दुकानदार एक बार फिर विरोध में उतर आए हैं। उनका कहना है कि न तो सरकार ने और न ही कंपनी ने बाईपास बनाने का कोई प्रयास किया। उनके अनुसार, कांगड़ा से पठानकोट तक के अन्य पुराने बाज़ारों को तो बचा लिया गया, लेकिन केवल शाहपुर को ही निशाना बनाकर उजाड़ दिया गया।
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