पंडोह: कीतरपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत पंडोह बाईपास का निर्माण फिलहाल रुका हुआ है। एनएचएआई को मुख्यालय से परियोजना की अलाइनमेंट में एक बार फिर बदलाव करने के सुझाव मिले हैं। पंडोह डैम के पास पिछले मानसून और इस वर्ष की बारिश के दौरान काफी नुकसान हुआ है।
पहले से बने फोरलेन का एक बड़ा हिस्सा भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। इसी कारण एनएचएआई के मुख्यालय ने पंडोह बाईपास की अलाइनमेंट में बदलाव का प्रस्ताव दिया है ताकि पंडोह डैम के पास प्रस्तावित 900 मीटर की टनल के विस्तार की संभावनाएं तलाशी जा सकें। एनएचएआई चाहता है कि टनल को बढ़ाया जाए ताकि पहले से प्रभावित फोरलेन को और अधिक नुकसान से बचाया जा सके। इसीलिए एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरैक्टर को फिर से अलाइनमेंट करने के आदेश दिए गए हैं।

टनल निर्माण की संभावना नहीं
वर्तमान स्थिति की बात करें तो यहां टनल निर्माण की कोई संभावना नहीं दिख रही है, क्योंकि जिस क्षेत्र में टनल बनाने की बात कही जा रही है, वहां पहले से ही स्लाइडिंग जोन है। यदि एनएचएआई को यहां टनल बनानी है तो इसके लिए काफी अंदर जाकर खुदाई करनी पड़ेगी, जिससे मौजूदा समय में बन रही टनलों के साथ इसकी अलाइनमेंट नहीं मिलेगी। इस परियोजना की रिपोर्ट तैयार करने के बाद पंडोह बाईपास की डिटेल्स मुख्यालय को भेजी जानी है। इसलिए इस कार्य को पूरा करने में काफी समय लग सकता है, जिससे फिलहाल पंडोह बाईपास का प्रोजेक्ट लटका हुआ नजर आ रहा है।

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरैक्टर वरुण चारी ने कहा कि कैंची मोड़ के पास टनल निर्माण की संभावनाएं तलाशने की प्रपोजल आई है। यहां पर जियो टैगिंग के जरिए सर्वे किया जा रहा है, और सर्वे के बाद सारी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी। एनएचएआई जल्द ही पंडोह बाईपास की अलाइनमेंट अप्रूव करवाकर इस कार्य को शुरू करने की योजना बना रहा है।