Solan: एनएच-5 पर फिर बड़ा हादसा: शमलेच के तीखे मोड़ पर पलटा ट्रक, बाल-बाल बचे ड्राइवर

चंडीगढ़-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर शमलेच के समीप एक बार फिर गंभीर सड़क हादसा सामने आया है। चंडीगढ़ से सोलन की ओर जा रहा एक भारी ट्राला अनियंत्रित होकर दूसरी दिशा से आ रहे ट्रक पर पलट गया। हादसा उस समय हुआ जब ट्राला शमलेच के तीखे मोड़ पर पहुंचा, जहां चालक वाहन से नियंत्रण खो बैठा। ट्राला ने दूसरी लेन को पार किया और सामने से आ रहे ट्रक पर सीधा पलट गया। गनीमत रही कि इस दुर्घटना में किसी को चोट नहीं आई, लेकिन दोनों वाहनों को भारी नुकसान पहुंचा है। ट्राला सरिया लेकर जा रहा था, जबकि सामने से आ रहा ट्रक पलम से लदा हुआ था।

हादसे के बाद एनएच-5 पर सोलन से चंडीगढ़ की ओर जाने वाली लेन को बंद करना पड़ा और यातायात को एक ही लेन से संचालित किया गया। इस घटनास्थल पर पुलिस समय रहते पहुंच गई और स्थिति को संभाल लिया। गौरतलब है कि यह शमलेच के इसी स्थान पर एक सप्ताह में दूसरी बार ट्रक पलटने की घटना है। अब तक यहां कुल पांच वाहन पलट चुके हैं। इस स्थान को लेकर स्थानीय लोगों में भी चिंता बनी हुई है, क्योंकि तीखे मोड़ पर वाहन नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं।

एनएच-5 पर बढ़ती दुर्घटनाएं चिंता का विषय बन चुकी हैं। परवाणू से कैथलीघाट के बीच केवल चार महीनों में 50 से अधिक सड़क हादसे हो चुके हैं। आशंका जताई जा रही है कि यह संख्या वास्तव में इससे भी अधिक हो सकती है, क्योंकि कई मामले पुलिस के पास पंजीकृत ही नहीं होते। पिछले वर्ष भी एनएच-5 पर 170 से ज्यादा दुर्घटनाएं हुई थीं। इनमें अधिकतर मामलों में तेज रफ्तार को मुख्य कारण माना गया है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा इस मार्ग को 40 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलने के लिए डिजाइन किया गया है। लेकिन, फोरलेन बनने के बाद वाहनों की गति सीमा लगातार उल्लंघन की जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि फोरलेन बनने से पहले भी गति सीमा यही थी, लेकिन अब तेज रफ्तार के चलते वाहन मोड़ों पर फिसलते और पलटते नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि शमलेच जैसे तीखे मोड़ों पर बार-बार हादसे हो रहे हैं।

इसी बीच, एनएच-205 पर भी एक दुर्घटना सामने आई है। शिमला-धर्मशाला राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर शालाघाट के पास एक ट्रक अनियंत्रित होकर नीचे गिर गया। यह ट्रक गलोग से रेत अनलोड कर शालाघाट की ओर बढ़ रहा था, तभी दोहरे डंगे के पास वह संतुलन खो बैठा और नीचे गिर गया। हालांकि इस घटना में भी किसी को गंभीर चोट नहीं आई।

इन दो दुर्घटनाओं से साफ है कि प्रदेश के राष्ट्रीय उच्च मार्गों पर यातायात और गति नियंत्रण को लेकर गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है। लगातार हो रही दुर्घटनाएं न केवल सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही हैं, बल्कि यात्रियों की जान को भी जोखिम में डाल रही हैं।





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