23 वर्षीय मीनाक्षी की संदिग्ध मौत ने घरेलू हिंसा और ससुराल पक्ष की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले की रहने वाली मीनाक्षी की मौत डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, टांडा में इलाज के दौरान हो गई।
मृतका की मां रीना और परिवार के अन्य सदस्यों ने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रोते हुए रीना ने कहा, “मेरी बेटी की मौत प्राकृतिक नहीं है। इसके लिए उसके ससुराल वाले जिम्मेदार हैं। उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।”
परिवार का आरोप
मीनाक्षी के परिवार ने बताया कि शादी के ढाई साल बाद से ही उसे ससुराल में प्रताड़ित किया जा रहा था। कुछ महीने पहले जब वह मायके आई थी, तब उसके शरीर पर चोट के निशान थे।
परिवार के मुताबिक, शादी के बाद से ही उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया जाता था। मृतका के ताया हरनाम शर्मा, भाई राजेश और पिता करनाल सिंह का कहना है कि मीनाक्षी की मौत से पहले भी उसके साथ मारपीट हुई होगी।
पुलिस जांच
पुलिस के अनुसार, मीनाक्षी को पहले चम्बा के स्थानीय अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। उसकी हालत इतनी खराब थी कि वह बयान देने की स्थिति में नहीं थी।
पुलिस ने मृतका के परिवार के आरोपों के आधार पर ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।
इंसाफ की मांग
मीनाक्षी की मौत ने घरेलू हिंसा और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। परिवार ने निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
घरेलू हिंसा पर सवाल
यह मामला भारत में बढ़ते घरेलू हिंसा के मामलों की गंभीरता को दिखाता है। भले ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून मौजूद हैं, परंतु कई पीड़ित चुप्पी साधे रहती हैं।
मीनाक्षी का यह दुखद मामला हमें घरेलू हिंसा के प्रति जागरूक होने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए तत्पर होने की याद दिलाता है।
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