
मंडी, 7 जुलाई। हालिया आपदा के बाद मंडी जिले में जनजीवन को सामान्य बनाने के प्रयास तेज़ कर दिए गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा राहत और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर युद्धस्तर पर अंजाम दिया जा रहा है। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने जानकारी दी कि प्रशासन का पूरा अमला दिन-रात प्रभावित क्षेत्रों में सेवाएं बहाल करने में जुटा हुआ है।

जलशक्ति विभाग द्वारा पेयजल योजनाओं की बहाली को सबसे अहम मानते हुए तेज़ी से काम किया जा रहा है। विभाग के लगभग 2000 कर्मचारी फील्ड में कार्यरत हैं, जो खराब पाइपलाइनों की मरम्मत और जल आपूर्ति को फिर से शुरू करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। अब तक कुल 790 प्रभावित पेयजल योजनाओं में से 588 को बहाल किया जा चुका है, जबकि 202 योजनाओं पर कार्य जारी है।

विशेष रूप से सराज विधानसभा क्षेत्र, जो इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुआ, वहां की 241 पेयजल योजनाओं में से 132 अस्थायी रूप से बहाल हो चुकी हैं, जबकि शेष 109 योजनाओं पर काम प्रगति पर है। इन योजनाओं के ठप होने से कुल 81 पंचायतें प्रभावित हुई थीं। अब तक 15 पंचायतों में पूरी तरह और 48 पंचायतों में आंशिक रूप से पेयजल आपूर्ति शुरू कर दी गई है, जबकि 18 पंचायतों में बहाली का कार्य चल रहा है।

उपायुक्त ने यह भी बताया कि ग्रामीणों का सहयोग इस कार्य में अत्यंत सराहनीय रहा है। कई स्थानों पर स्थानीय लोगों ने मलबा हटाने और पाइपलाइन जोड़ने में श्रमिकों और विभाग की टीमों की सहायता की है। विभागीय अधिकारी भी लगातार स्थल निरीक्षण कर रहे हैं और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर गांव में जल्द से जल्द स्वच्छ पेयजल पहुंचे।

इसके साथ ही, बिजली और सड़क संपर्क की बहाली भी प्रशासन की प्राथमिकता में शामिल है, जिससे प्रभावित लोगों का जीवन जल्द सामान्य हो सके। उपायुक्त ने आम जनता से संयम और सहयोग बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पानी को उबाल कर ही पिएं ताकि जल जनित बीमारियों से बचा जा सके।

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