मंडी जिले में राज्य सरकार ने 431 किसानों से प्राकृतिक खेती द्वारा उगाई गई 65 मिट्रिक टन मक्की खरीदने का निर्णय लिया है। किसानों की मेहनत और राज्य सरकार के प्रोत्साहन से सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती को राज्य में तेजी से बढ़ावा मिल रहा है। धीरे-धीरे लोग प्राकृतिक खेती के महत्व को समझ रहे हैं और इसे अपना रहे हैं। मंडी जिले के किसान अब इस विधि से मक्की और अन्य फसलें उगा रहे हैं, जिसे सरकार सीधा किसानों से खरीदेगी। मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये प्रति किलो तय किया गया है, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगे। कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के तहत 431 किसानों से लगभग 65 मिट्रिक टन मक्की की खरीद की जाएगी।
मक्की खरीद के लिए चार केंद्र बनाए गए
मंडी जिले में प्राकृतिक खेती से उगाई गई मक्की की खरीद के लिए चार केंद्र स्थापित किए गए हैं। ये केंद्र चुराग (करसोग), चैलचौक, सुंदरनगर और मंडी में बनाए गए हैं। करसोग, सराज, गोहर और बल्ह ब्लॉकों के किसानों से मक्की की खरीद की जाएगी, जिसमें हर ब्लॉक के लिए अलग-अलग मात्रा तय की गई है।
किसानों की प्रतिक्रिया
प्राकृतिक खेती करने वाले किसान राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से बेहद खुश हैं। करसोग के नरोली गांव के आशा राम, कोलग गांव के गीता राम और गरयाला गांव के पंकज मल्होत्रा समेत कई किसानों ने राज्य सरकार का आभार जताया। उनका कहना है कि इस निर्णय से किसानों को उनकी उच्च गुणवत्ता वाली रसायन मुक्त मक्की का उचित मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।
मंडी के डीसी अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी जिले में प्राकृतिक खेती से उगाई गई मक्की की खरीद के लिए चार केंद्र बनाए गए हैं। संबंधित विभागों को आवश्यक तैयारियों के निर्देश दे दिए गए हैं।
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