देहरादून की एक महिला और उसकी दो किशोर बेटियों के साथ मनाली के एक रिसॉर्ट में हुई यौन उत्पीड़न की गंभीर घटना ने सनसनी फैला दी है। इस मामले में पोक्सो एक्ट की धाराएं 7 और 8 के तहत केस दर्ज किया गया है। पीड़ित महिला ने इस घटना की शिकायत देहरादून के डालनवाला थाने में दी, जहां शून्य एफआईआर दर्ज कर इसे कुल्लू पुलिस को भेजा गया। इसके बाद मनाली थाने में केस स्थानांतरित किया गया है।
महिला का आरोप है कि वह 27 जून को अपनी 14 वर्षीय बेटी, इतनी ही उम्र की अपनी बहन की बेटी और एक साल की बच्ची के साथ मनाली घूमने गई थी। वह मनाली के एक रिसॉर्ट में ठहरी थी। उसी दौरान महिला का पारिवारिक मित्र अभिषेक कंबोज भी वहां पहुंचा। महिला के अनुसार, रिसॉर्ट मालिक ने उन्हें आम परिचय के बहाने बुलाया और जब उसे पता चला कि वे भी पहाड़ी क्षेत्र से हैं, तो उसने उन्हें अपनी बहन बताया। इससे महिला को एक सुरक्षित माहौल का एहसास हुआ।
महिला ने बताया कि जब अभिषेक अपने कमरे में चला गया तो वह रिसॉर्ट के मालिक के साथ वहीं बैठी थी। तभी अचानक रिसॉर्ट मालिक की नीयत बदल गई और उसने कमरे की लाइटें बंद कर दीं और दरवाजा भी बंद कर दिया। महिला ने स्थिति को भांपते हुए डरकर अपने कमरे की ओर भागी, जहां बच्चे सो रहे थे। महिला ने खुद को बचाने के लिए बाथरूम में छिपने की कोशिश की, लेकिन आरोपी डुप्लीकेट चाबी से कमरा खोलकर अंदर आ गया और लाइटें बंद कर दीं।
इस घटना से बच्चे डरकर चिल्लाने लगे और मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाकर कुछ रोशनी की। महिला का आरोप है कि आरोपी ने उनके मोबाइल फोन छीनकर तोड़ दिए और बच्चों के साथ अश्लील हरकतें करने की कोशिश की। जब महिला ने बाथरूम से निकलकर विरोध किया, तब आरोपी उसकी भांजी के पैर पकड़कर खींच रहा था।
इसके बाद महिला अभिषेक को ढूंढने उसके कमरे में गई, लेकिन वह वहां नहीं मिला। महिला रिसेप्शन तक मदद के लिए पहुंची, लेकिन आरोपी वहां भी आ गया और उसे मारने-पीटने लगा। महिला ने बताया कि आरोपी ने उसे घसीटा, गालियां दीं और बच्चों के सामने उसे लातों से मारा।
घटना से आहत महिला ने उसी रात बच्चों को लेकर देहरादून लौटने का फैसला किया। बाद में उसे तीन कॉल आए और थाने आने के लिए कहा गया। जब वह थाने पहुंची तो वहां वह इंस्पेक्टर मौजूद नहीं था जिसने कॉल किया था। अन्य पुलिसकर्मियों ने आधी रात उसे बच्चों समेत बैठाए रखा और उसके पहनावे पर भी अभद्र टिप्पणी की। महिला ने पुलिस पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप भी लगाया है। पुलिस की तरफ से शुरुआत में उसकी शिकायत दर्ज नहीं की गई, उल्टा उस पर ही तोड़फोड़ का आरोप लगाया गया।
पीड़िता ने कहा कि यह घटना न केवल उसकी गरिमा, बल्कि उसके बच्चों की सुरक्षा पर भी हमला था। अब पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। डीएसपी केडी शर्मा के अनुसार, महिला ने पहले लड़ाई-झगड़े की शिकायत की थी, और बाद में देहरादून जाकर विस्तृत जानकारी दी, जिसकी जांच की जा रही है।
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