बालीचौकी उपमंडल के लुझयागी गांव के देवता मार्कंडेय ऋषि और बागी गांव के देवता कोटलू महाशिवरात्रि महोत्सव में शामिल होने के लिए अपने लाव-लश्कर के साथ भव्य यात्रा पर निकल पड़े हैं। शुक्रवार को ढोल-नगाड़ों की गूंज और जयकारों के बीच दोनों देवताओं के रथ अपने भंडार से मंडी के लिए रवाना हुए। यह यात्रा धार्मिक आस्था और परंपरा का प्रतीक है, जो हर साल महाशिवरात्रि पर संपन्न होती है। 25 फरवरी की शाम को ये दोनों देवता मंडी पहुंचेंगे, जहां भक्तगण उनका स्वागत करेंगे।
यात्रा के दौरान देवता भक्तों के घरों में ठहरेंगे। पुरोहित रणजीत शर्मा ने बताया कि इन देवताओं का महाशिवरात्रि महोत्सव में ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। राजाओं के समय से ये देवता शिवरात्रि उत्सव का हिस्सा बनते आए हैं। यात्रा के दौरान बालीचौकी से पंडोह तक पूरा सफर पैदल तय किया जाएगा, जहां विभिन्न स्थानों पर भक्त इन देवताओं की अगवानी करेंगे। रात के समय देवता भक्तों के घरों में ठहरेंगे, जहां पारंपरिक धाम और स्वागत का आयोजन किया गया है।
देवता मार्कंडेय ऋषि को मनोकामना पूर्ति और संतान सुख देने वाला देवता माना जाता है। संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपती उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं, देवता कोटलू को न्याय और कोर्ट-कचहरी में विजय दिलाने वाला देवता माना जाता है। श्रद्धालु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए महाशिवरात्रि महोत्सव में विशेष रूप से शामिल होते हैं।
मंडी शिवरात्रि महोत्सव में निकलने वाली भव्य देव जलेब (शोभायात्रा) में इन दोनों देवताओं का विशेष स्थान होता है। हर साल हजारों श्रद्धालु इस शोभायात्रा में शामिल होते हैं। ढोल-नगाड़ों और भक्तिमय माहौल के बीच महाशिवरात्रि महोत्सव ऐतिहासिक रंग में रंगने को तैयार है।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!