Mandi: मां बगलामुखी रोपवे बना आकर्षण का केंद्र, पंडोह जलाशय के रोमांचक सफर का लीजिए मजा

मां बगलामुखी रोपवे: पर्यटन का नया केंद्र और रोमांचकारी अनुभव

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित पंडोह डैम के पास बना मां बगलामुखी रोपवे इन दिनों पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन चुका है। इस अत्याधुनिक रोपवे का विधिवत उद्घाटन 3 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा किया गया। तब से हर दिन बड़ी संख्या में लोग इस रोमांचक सफर का आनंद ले रहे हैं।

रोपवे की विशेषताएं और लाभ

लगभग 53.89 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 800 मीटर लंबे इस रोपवे से यात्रा अब मात्र 4 मिनट में पूरी हो जाती है। पहले माता बगलामुखी मंदिर पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर की सड़क यात्रा करनी पड़ती थी। इस नई सुविधा ने खासकर बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए यात्रा को बेहद सरल कर दिया है। मंडी के 84 वर्षीय अश्वनी धवन ने पहली बार इस रोपवे के माध्यम से मंदिर में शीश नवाया और इसे एक अद्भुत अनुभव बताया।

रोमांच और प्राकृतिक नजारे

रोपवे का सफर पंडोह जलाशय के ऊपर से गुजरता है, जो एक रोमांचकारी अनुभव प्रदान करता है। पर्यटकों का कहना है कि इस यात्रा में हेलिकॉप्टर से उड़ान भरने जैसा एहसास होता है। रोपवे की गोंडोला के अंदर से मंडी की खूबसूरत पहाड़ियां और पंडोह जलाशय का दृश्य मनमोहक है।

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पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा

इस रोपवे के शुरू होने से स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिला है। साथ ही, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए हैं। मंडी के उपेंद्र वैद्य और सरकाघाट के मनोज ठाकुर ने सरकार की इस पहल की सराहना की और अन्य धार्मिक स्थलों पर भी इस तरह के रोपवे बनाने का सुझाव दिया।

टिकट दर और रियायतें

रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के मैनेजर कुश वैद्य के अनुसार, रोपवे के टिकट दरें इस प्रकार हैं:

  • व्यस्क: एकतरफा यात्रा – ₹150, दोतरफा यात्रा – ₹250
  • बच्चे: एकतरफा यात्रा – ₹75, दोतरफा यात्रा – ₹125
  • स्थानीय निवासी: एकतरफा – ₹30, दोतरफा – ₹50 (बच्चों के लिए ₹15 और ₹25)

यह रोपवे सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक चालू रहता है।

नेचर पार्क बाखली भी बना आकर्षण का केंद्र

मां बगलामुखी मंदिर के साथ ही पास में स्थित नेचर पार्क बाखली भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। वन विभाग द्वारा विकसित यह पार्क प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शांतिपूर्ण स्थान है।

परियोजना की विशेषता

यह देश का पहला रोपवे है जिसे नाबार्ड (आरआईडीएफ) के तहत वित्त पोषित किया गया है। इस रोपवे का निर्माण सीईएन (यूरोपीय) मानकों के अनुसार किया गया है, जिसकी स्पीड 6 मीटर/सेकंड है और क्षमता 600 व्यक्ति प्रति घंटा है।

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