पालमपुर। कृषि विश्वविद्यालय में लंबे समय से नेतृत्व संकट के बीच अब जल्द ही नियमित कुलपति की तैनाती होने वाली है। प्रदेश में विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपति की तैनाती को लेकर हाल ही में अधिनियम में संशोधन किया गया है। इसके बाद कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कुलपति के चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। यह जानकारी कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने पालमपुर में दी।
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के 13वें नियमित कुलपति प्रो. एचके चौधरी 21 अगस्त 2023 को सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद से विश्वविद्यालय को नियमित कुलपति नहीं मिल पाया। कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया दो बार शुरू हुई, लेकिन दोनों बार यह अधर में लटक गई। 13वें कुलपति की सेवानिवृत्ति के बाद 22 अगस्त 2023 से 31 जुलाई 2024 तक डॉ. डीके वत्स ने वरिष्ठता के आधार पर कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्यभार संभाला और 11 माह 9 दिन तक इस पद पर बने रहे। इसके बाद 1 अगस्त 2024 से डॉ. नवीन कुमार ने कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्यभार संभाला और सेवानिवृत्ति तक 1 वर्ष 1 माह और 29 दिन तक इस पद पर बने रहे। इससे पहले कृषि विश्वविद्यालय में किसी कार्यवाहक कुलपति का कार्यकाल इतना लंबा नहीं रहा था। वर्तमान में डॉ. अशोक कुमार पांडा कार्यवाहक कुलपति के रूप में विश्वविद्यालय का संचालन कर रहे हैं।
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की राष्ट्रीय रैंकिंग में भी गिरावट देखी गई है। राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क 2025 में, विश्वविद्यालय अपनी विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों में अपनी स्थिति बनाए रखने के बावजूद समग्र रैंकिंग में पिछड़ गया। इस वर्ष देशभर के 173 कृषि और बागवानी उच्च शिक्षण संस्थानों ने रैंकिंग में हिस्सा लिया। पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में 29वें स्थान पर रखा गया। विशेषज्ञों का मानना है कि विश्वविद्यालय की रैंकिंग में गिरावट का प्रमुख कारण नेतृत्व संकट और लगातार कार्यवाहक कुलपतियों की लंबी अवधि है।
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