Kullu: कुल्लू अस्पताल की एम्बुलेंस स्टार्ट करने के लिए कर्मचारियों को लगाना पड़ा धक्का, सिस्टम पर उठे सवाल

कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में तैनात एक एम्बुलेंस को स्टार्ट करने के लिए कर्मचारियों को धक्का लगाना पड़ा, जिससे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। अस्पताल परिसर में यह नजारा देखने को मिला जब चालक और अन्य कर्मचारी काफी देर तक एम्बुलेंस को स्टार्ट करने की कोशिश में लगे रहे, लेकिन वह चालू नहीं हुई।

स्थानीय लोगों ने चिंता जताते हुए कहा कि अगर इसी तरह किसी आपात स्थिति में मरीज को ले जाने की जरूरत पड़ी, तो ऐसी स्थिति में क्या होगा? यह घटना सरकारी वाहनों की देखभाल और उनके रखरखाव पर सवाल उठाती है।

विजिलेंस की गाड़ी को भी लगाना पड़ा था धक्का

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले स्टेट विजिलेंस एंटी करप्शन ब्यूरो ने क्षेत्रीय अस्पताल में 1.10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए असिस्टेंट कमिश्नर भविता टंडन, फूड सेफ्टी अफसर पंकज और चपरासी केशव को गिरफ्तार किया था। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि जब विजिलेंस टीम अस्पताल से अपनी गाड़ी लेकर जाने लगी, तो वह भी स्टार्ट नहीं हुई। उसे भी धक्का मारकर चालू करना पड़ा। अब अस्पताल की एम्बुलेंस की हालत भी वैसी ही हो गई, जिससे सरकारी वाहनों के रखरखाव पर सवाल उठ रहे हैं।

कर्मचारियों ने बताया तकनीकी कारण

एम्बुलेंस को धक्का मार रहे कर्मचारियों ने कहा कि यह डीजल गाड़ी है और अगर डीजल वाहन लंबे समय तक खड़े रहें, तो सर्दियों में उन्हें स्टार्ट करने में दिक्कत आती है। हालांकि, यह तर्क स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता के सवालों को कम नहीं करता।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी का बयान

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कुल्लू डॉ. नागराज ने इस मामले पर कहा कि एम्बुलेंस की देखरेख के लिए संबंधित चालक से पूछताछ की जाएगी और यह पता लगाने की कोशिश होगी कि ऐसी नौबत क्यों आई।

सरकारी वाहनों के रखरखाव पर उठे सवाल

सरकारी दफ्तरों में तैनात वाहनों की हालत अक्सर खराब रहती है, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इस मामले के बाद कुल्लू अस्पताल की अन्य एम्बुलेंस और सरकारी वाहनों की भी जांच होनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी आपात स्थिति में ऐसी समस्याएं न आएं।

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