हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के करसोग उपमंडल में हाल ही में हुई भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण व्यापक नुकसान हुआ है। इस आपदा के प्रभावों का आकलन करने के लिए केंद्र सरकार की एक अंतर मंत्रालयीय टीम ने रविवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। टीम ने करसोग के शंकर देहरा, सनारली, सरकोल और कुट्टी समेत विभिन्न गांवों में पहुंचकर नुकसान का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया और वहां की स्थिति का जायजा लिया।
केंद्रीय टीम के सदस्यों ने जल शक्ति विभाग की पेयजल योजनाओं, लोक निर्माण विभाग की सड़कों, और कृषि एवं बागवानी विभाग की क्षतिग्रस्त कृषि योग्य भूमि तथा बागीचों की स्थिति का गहन अध्ययन किया। इस दौरान टीम ने स्थानीय प्रशासन से राहत और पुनर्वास कार्यों की जानकारी प्राप्त की।

मंडी के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) डॉ. मदन कुमार ने केंद्रीय टीम को करसोग क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी दी और अब तक किए गए राहत प्रयासों की स्थिति से अवगत कराया।
इस केंद्रीय टीम में जल शक्ति मंत्रालय के तहत शिमला स्थित सीडब्ल्यूसी के निदेशक वसीम अशरफ, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के शिमला कार्यालय के मुख्य अभियंता ए.के. कुशवाहा, कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के गेहूं विकास निदेशालय में संयुक्त निदेशक डॉ. विक्रांत सिंह और राज्य सरकार की ओर से राजस्व व आपदा प्रबंधन के निदेशक व विशेष सचिव डॉ. डी.सी. राणा शामिल थे।
करसोग उपमंडल प्रशासन की ओर से एसडीएम गौरव महाजन ने केंद्रीय टीम को आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान की जानकारी प्रदान की। इस मौके पर डॉ. मदन कुमार, एसडीएम गौरव महाजन, डॉ. मुरारी लाल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे। केंद्रीय टीम ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए प्रभावित क्षेत्रों का गहन निरीक्षण किया और आवश्यक रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की।
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