भारतीय नौसेना अब एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। INS विक्रांत की तैनाती के बाद अब INS सुनयना को अरब सागर में उतारा जा रहा है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद देश की सेनाएं पूरी तरह अलर्ट हैं और पाकिस्तान पर हर मोर्चे से दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रही हैं। नौसेना की इस ताजा तैनाती से यह साफ संदेश जा रहा है कि भारत अब समंदर के रास्ते भी अपनी ताकत का प्रदर्शन करने को तैयार है। INS सुनयना, जो कि स्वदेशी रूप से तैयार एक आधुनिक समुद्री जहाज है, भारतीय नौसेना के सामरिक अभियान में एक बड़ा हथियार साबित होगा।
INS सुनयना भारतीय नौसेना का दूसरा सारयू क्लास का ऑफशोर पेट्रोल वेसल (OPV) है। इसका निर्माण गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा पूरी तरह से भारत में ही किया गया है। यह जहाज गश्त, निगरानी, तटीय सुरक्षा, समुद्री संचार लाइनों की सुरक्षा और एस्कॉर्ट ड्यूटी जैसे कार्यों में पूरी तरह सक्षम है। इस जहाज में एडवांस्ड नेविगेशन और कम्युनिकेशन सिस्टम लगे हैं, जो किसी भी समय दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करते हैं। INS सुनयना 25 नॉट्स से ज्यादा की रफ्तार से दौड़ सकता है और इसमें हेलीकॉप्टर संचालन की भी सुविधा है, जिससे इसकी मारक क्षमता और भी बढ़ जाती है।
INS सुनयना ने हाल ही में ‘IOS सागर’ नामक एक अहम मिशन पूरा किया, जिसमें इसने अफ्रीका और हिंद महासागर क्षेत्र के कई देशों के साथ मिलकर संयुक्त अभ्यास किए। यह मिशन करीब एक महीने तक चला और इसके दौरान INS सुनयना ने तंजानिया, मोजाम्बिक, मॉरीशस, सेशेल्स और मालदीव जैसे देशों के बंदरगाहों का दौरा किया। इस अभियान का उद्देश्य था समुद्री पड़ोसी देशों के साथ सहयोग बढ़ाना और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना। इस मिशन ने भारत की “सागर” नीति (Security and Growth for All in the Region) को ज़मीन पर उतारते हुए भारत को एक भरोसेमंद और सक्रिय सुरक्षा भागीदार के रूप में पेश किया।
IOS सागर मिशन “एक महासागर, एक मिशन” की भावना को आगे बढ़ाता है। इस अभियान में नौ अन्य देशों — कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, मोजाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका और तंजानिया के 44 नौसैनिकों ने भारतीय नौसेना के साथ मिलकर प्रशिक्षण और सामरिक सहयोग किया। यह मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन “सागर” और “महासागर” (Maritime and Allied Security and Growth for All in the Region) की ठोस मिसाल है, जो भारत को समुद्री क्षेत्र में “प्रथम उत्तरदाता” यानी First Responder Nation के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है।
INS सुनयना की अरब सागर में तैनाती केवल एक सामान्य सैन्य कवायद नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान को समुद्री मोर्चे पर भी घेरने की रणनीति का हिस्सा है। भारत यह दिखाना चाहता है कि वह न केवल जमीन पर बल्कि समंदर में भी किसी भी चुनौती का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। एंटी-शिप मिसाइल परीक्षण, त्वरित गश्त और निगरानी गतिविधियों से यह साफ है कि भारतीय नौसेना भविष्य की किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ रही है। यह सिर्फ ताकत का प्रदर्शन नहीं, बल्कि भविष्य की सुरक्षा की दिशा में मजबूत तैयारी है।
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