हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के औद्योगिक क्षेत्र कालाअम्ब में एक फैक्टरी में अवैध तरीके से उत्तराखंड की शराब तैयार करने का मामला सामने आया है। इस मामले में सिरमौर पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में हरियाणा और उत्तर प्रदेश के निवासी शामिल हैं। इससे पहले, आबकारी विभाग के उप-आयुक्त हिमांशु आर. पंवार ने 4 मई को पुलिस थाना कालाअम्ब में इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में बताया गया कि कालाअम्ब-नाहन रोड स्थित मैनथापल में मैसर्ज त्रिलोक सन्स ब्रेवरी एंड डिस्टिलरी नामक उद्योग में आधी रात को राज्य कर एवं आबकारी विभाग के एडीशनल कमिश्नर यूएस राणा के नेतृत्व में औचक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण के दौरान टीम को भारी मात्रा में अवैध शराब, विभिन्न ब्रांड्स के लेबल और ढक्कन बरामद हुए।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। एसपी सिरमौर एनएस नेगी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी योगेश रोल्टा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया। टीम ने आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर मौके का निरीक्षण किया और वहां से एक स्कॉर्पियो वाहन, एक ट्रक, डिजिटल साक्ष्य और शराब के स्टॉक को कब्जे में लिया। इसके अलावा, जुन्गा स्थित राज्य फॉरेंसिक लैब की टीम ने भी साइट का निरीक्षण किया और आवश्यक वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र किए।
एसआईटी ने 6 मई को इस मामले में पहली गिरफ्तारी की, जिसमें अकाउंटेंट गौरव वालिया, निवासी मिलक, तहसील नारायणगढ़, जिला अंबाला को पकड़ा गया। गौरव को अदालत में पेश कर 10 मई तक का पुलिस रिमांड प्राप्त किया गया। इस दौरान अन्य आरोपी फरार हो गए थे, जिनकी तलाश में पुलिस ने कई ठिकानों पर दबिश दी। इसके बाद पुलिस ने चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया—गौरव कुमार निवासी यमुनानगर, पवन कुमार निवासी हिसार, सुमित कुमार निवासी सहारनपुर और दीपक धईया निवासी सोनीपत। इन चारों आरोपियों को अदालत में पेश कर पांच दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया।
मामले की जांच के दौरान सामने आया कि फैक्टरी में 20 से 22 मजदूर अवैध रूप से काम कर रहे थे, जिन्हें चंडीगढ़ से लाया गया था और उनकी कोई एंट्री रजिस्टर में दर्ज नहीं थी। इन मजदूरों के माध्यम से अवैध रूप से उत्तराखंड ब्रांड की शराब तैयार कराई जा रही थी। छापे के दौरान फैक्टरी से “रॉयल ब्लू फॉर सेल इन उत्तराखंड” की 230 पेटियां, रुद्रपुर ब्रांड की ड्राई जिन के 3.95 लाख लेबल, 42,000 संतरा ब्रांड के लेबल, 2,100 देसी और 1,100 अंग्रेजी शराब के फालतू केस और 4,500 बल्क लीटर अतिरिक्त ईएनए को जब्त किया गया। साथ ही, फैक्टरी परिसर के पीछे खड़े एक कैंटर से करीब 41,000 प्लास्टिक पैट बोतलें भी जब्त की गईं, जिन्हें हिमाचल प्रदेश में शराब पैकिंग के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
एसपी एनएस नेगी ने बताया कि सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और रिमांड अवधि में बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज का पता लगाया जाएगा, ताकि यह जान सकें कि शराब की आपूर्ति कहां-कहां की जा रही थी और इसमें और कौन-कौन लोग शामिल हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मामले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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