आईजीएमसी शिमला में एक कैंसर रोगी की इंजैक्शन के अभाव में मृत्यु हो जाने के बाद प्रदेश में हंगामा मच गया है। विपक्ष ने इसे गंभीर मुद्दा बनाते हुए राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाए हैं। इस घटना के बाद रविवार को मृतक की पत्नी गीतांजलि शर्मा ने अस्पताल प्रशासन और सरकार को घेरते हुए न्याय की मांग की।
गीतांजलि शर्मा ने बताया कि उनके पति पिछले एक साल से कैंसर से पीड़ित थे और वह उन्हें बहुत मुश्किल से आईजीएमसी लाती थीं। 11 नवंबर, 2024 को उनके पति को एक इंजैक्शन लगना था, जिसके लिए उन्होंने अपने हिमकेयर कार्ड का नवीनीकरण भी कराया था। हालांकि, लगातार आईजीएमसी के चक्कर लगाने के बावजूद इंजैक्शन की कमी के कारण उनके पति की मृत्यु हो गई।
गीतांजलि ने कहा कि उनके पति बीमारी के कारण लाचार हो गए थे और इलाज पर खर्च होने के कारण उनके पास 50,000 रुपये का इंजैक्शन खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि उनके बच्चों को नौकरी दी जाए ताकि उनके परिवार का भरण-पोषण सही तरीके से हो सके।
इस घटना के बाद समाजसेवी संजय शर्मा उर्फ बड़का भाऊ ने पीड़ित परिवार की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। उन्होंने इस मामले में अस्पताल प्रशासन और सरकार की निंदा करते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि प्रशासन एक इंजैक्शन नहीं उपलब्ध करा सका, जिससे रोगी की जान चली गई। संजय शर्मा ने कहा कि वह इस मामले में कानूनी राय लेंगे और अगर जरूरत पड़ी, तो न्याय के लिए अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
यह मामला शिमला के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में गंभीर सवाल खड़े करता है और प्रदेश सरकार से उम्मीद की जा रही है कि इस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
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