अतिरिक्त सत्र न्यायालय पालमपुर ने एक सनसनीखेज मामले में पत्नी की हत्या के आरोपी विजय लामा को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसके तहत उसे उम्रकैद के साथ ₹25,000 रुपये का जुर्माना भी भरना होगा। अगर वह यह जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
विजय लामा, जो मूल रूप से पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के दक्षिण बाग डोगरा एयरपोर्ट रोड का निवासी है, घटना के समय लंबागांव क्षेत्र के बरडाम गांव में अपनी पत्नी इंद्रा देवी के साथ एक किराए के मकान में रह रहा था। यह मामला 27 जनवरी 2022 का है, जब मकान मालिक को वीर बहादुर नामक एक व्यक्ति ने इंद्रा देवी की मृत्यु की सूचना दी। इसके कुछ समय बाद एक ग्राम पंचायत सदस्य ने भी मकान मालिक को इस बारे में बताया।
इस सूचना के बाद जब मकान मालिक वार्ड सदस्य के साथ मौके पर पहुंचे, तो उन्हें कमरे में खून के धब्बे दिखाई दिए, जिससे उन्हें शक हुआ। उन्होंने तुरंत ग्राम पंचायत को सूचना दी, जिसके बाद पंचायत सदस्यों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
जांच के दौरान विजय लामा से पूछताछ की गई, जिसमें उसने यह स्वीकार किया कि उसने रात लगभग 11 बजे किसी बात को लेकर अपनी पत्नी के सिर पर ‘घण’ से वार किया था, जिससे उसकी मौत हो गई। इस कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर हत्या का मामला दर्ज किया और नियमानुसार चालान न्यायालय में पेश किया।
मामले की सुनवाई के दौरान पब्लिक प्रॉसिक्यूटर पंकज दीवान ने अदालत के समक्ष ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए। आरोपी की स्वीकारोक्ति और घटनास्थल से जुटाए गए सबूतों के आधार पर न्यायालय ने विजय लामा को दोषी पाया और उसे सजा सुनाई। अदालत के इस निर्णय को महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था की दृष्टि से एक सख्त कदम माना जा रहा है।
यह फैसला समाज में घरेलू हिंसा और महिला उत्पीड़न के खिलाफ एक सख्त संदेश देता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ऐसे जघन्य अपराधों के लिए न्याय प्रणाली पूरी मजबूती से कार्य करती है।
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