पंजाब में रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन की गूंज सीमाएं पार करते हुए हिमाचल प्रदेश तक पहुंच गई है। एचआरटीसी के कंडक्टर और ड्राइवर यूनियन ने पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कर्मचारियों की प्रस्तावित हड़ताल को पूर्ण समर्थन दे दिया है। यूनियन ने पंजाब सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि परिवहन विभाग में निजीकरण की प्रक्रिया न केवल कर्मचारियों के खिलाफ है, बल्कि हजारों परिवारों की आजीविका पर सीधा खतरा भी है।
एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन के महासचिव दिपेंद्र कंवर ने कहा कि 28 नवंबर को होने वाली हड़ताल सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि कर्मचारियों के हक़ की लड़ाई है। उन्होंने मांग की कि पंजाब सरकार निजीकरण की पूरी प्रक्रिया तुरंत रद्द करे और यूनियन प्रतिनिधियों से संवाद कर लंबित मुद्दों का समाधान निकाले। यूनियन का कहना है कि पंजाब रोडवेज कर्मचारियों का संघर्ष न्यायसंगत है और इसे नजरअंदाज करना गलत होगा। हिमाचल की यूनियन ने भरोसा दिलाया है कि आंदोलन के दौरान हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
उधर, एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया है। यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि पंजाब में कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर सरकार दबाव की नीति अपना रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि हिमाचल के कर्मचारी भी अपनी समस्याओं को लेकर लंबे समय से संघर्षरत हैं, लेकिन सरकारें सुनने को तैयार नहीं दिखतीं। प्रांतीय प्रधान मान सिंह ठाकुर ने कहा कि अगर देशभर के कर्मचारी संगठन एकजुट हो जाएं, तो सरकारें बातचीत के लिए मजबूर हो जाएंगी।
यूनियनों का मानना है कि यह लड़ाई सिर्फ पंजाब की नहीं, बल्कि पूरे देश के सड़क परिवहन कर्मचारियों के हक़ और सुरक्षा से जुड़ी है। वे उम्मीद जताते हैं कि यह संयुक्त संघर्ष आगे एक राष्ट्रीय आंदोलन का स्वरूप ले सकता है।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!