शिमला के प्राइवेट स्कूलों के लिए HRTC बस सेवा बंद
शिमला के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एक बड़ी खबर है। नए साल और नए सत्र में हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) शिमला शहर के प्राइवेट और कान्वेंट स्कूलों के लिए अपनी बसें नहीं चलाएगा। बसों की घटती संख्या और बढ़ते घाटे के कारण निगम ने यह निर्णय लिया है।
HRTC ने स्कूलों को पहले ही दी सूचना
HRTC प्रबंधन ने शिमला के सभी प्राइवेट स्कूलों को पहले ही पत्र जारी कर यह स्पष्ट कर दिया है कि वे नए सत्र से बस सेवा प्रदान करने में असमर्थ हैं। स्कूल प्रशासन को अब बच्चों की परिवहन सुविधा का प्रबंध खुद करना होगा।
बसों की कमी बनी बड़ी समस्या
शिमला लोकल डिपो में बसों की संख्या लगातार घटती जा रही है। दिसंबर के अंत तक 24 बसें 15 साल की आयु पूरी होने के बाद कंडम हो जाएंगी। इसके चलते बसों की भारी कमी हो जाएगी। केंद्र सरकार की नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत पुरानी बसें अब सड़क पर नहीं चल सकेंगी।
HRTC को हो रहा करोड़ों का घाटा
प्राइवेट स्कूलों को रियायती दरों पर बस सेवा उपलब्ध कराने से HRTC को हर साल 16 से 20 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। इन बसों का इस्तेमाल सिर्फ स्कूल के बच्चों को लाने और ले जाने के लिए किया जाता है, जिसके चलते अन्य रूटों पर इनका उपयोग नहीं हो पाता।
नई बसें आने पर हो सकता है पुनर्विचार
HRTC प्रबंधन का कहना है कि वे नई बसों की खरीद कर रहे हैं। यदि नई बसें आ जाती हैं और कमी दूर हो जाती है, तो स्कूल बस सेवा फिर से शुरू करने पर विचार किया जाएगा। HRTC के सीजीएम पंकज सिंघल ने कहा कि अभी के लिए निगम बसें चलाने में असमर्थ है।
इन स्कूलों के लिए मिल रही थी सेवा
HRTC शिमला के सेंट एडवर्ड, जीसस एंड मेरी, लोरेटो कॉन्वेंट ताराहाल, डीएवी न्यू शिमला, डीएवी टुटू, सैक्रेड हार्ट ढली, और स्टोक्स मेमोरियल जैसे स्कूलों के लिए बस सेवा प्रदान करता था। लगभग 56 रूटों पर यह बसें चलती थीं।
शिमला के स्कूलों को अब खुद करनी होगी व्यवस्था
HRTC के इस निर्णय के बाद शिमला के प्राइवेट स्कूलों के लिए यह बड़ी चुनौती बन गई है। स्कूल प्रशासन को अब निजी बसें या अन्य साधनों की व्यवस्था करनी होगी ताकि छात्रों को सुगम परिवहन मिल सके।
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