एचआरटीसी पेंशनरों का सब्र आखिर टूट गया। 20 नवंबर बीत जाने के बाद भी पेंशन जारी न होने पर एचआरटीसी पेंशनर्ज कल्याण संगठन ने शुक्रवार को शिमला स्थित मुख्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। पुराने बस स्टैंड पर बड़ी संख्या में पेंशनर एकत्र हुए और सरकार व निगम प्रशासन के खिलाफ तीखा विरोध जताया।
पेंशनरों ने आरोप लगाया कि उन्हें तीन हफ्ते से भी ज्यादा इंतजार कराने के बाद भी पेंशन नहीं मिली, जिससे कई परिवार आर्थिक संकट में फंस गए हैं। कुछ पेंशनरों ने तो यहां तक कहा कि दवाइयों और इलाज के लिए उनकी बचत भी खत्म होती जा रही है, लेकिन सरकार उनकी किसी समस्या पर ध्यान नहीं दे रही।
“एरियर से लेकर मेडिकल बिल तक सब अटका पड़ा है”
संगठन के महासचिव देवराज ठाकुर ने बताया कि न केवल पेंशन में देरी जारी है, बल्कि महीनों से मेडिकल बिलों का भुगतान भी लंबित है।
2016 के नए वेतनमान का एरियर, महंगाई भत्ता और अन्य वित्तीय लाभ भी अटके हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह देरी हजारों पेंशनरों की जिंदगी पर भारी असर डाल रही है।
“मुख्यमंत्री की घोषणाएं कागजों तक ही सीमित”
देवराज ठाकुर ने कहा कि एचआरटीसी की स्वर्ण जयंती पर मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं अभी तक लागू नहीं हुईं।
उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने और पेंशनरों को राहत देने का वादा किया था, लेकिन आज हालात यह हैं कि पेंशनरों को हर महीने भुगतान का इंतजार करना पड़ रहा है।
धरने के दौरान पेंशनरों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी कि अगर समय पर पेंशन और मेडिकल बिल जारी नहीं किए गए, तो 28 नवंबर को वे विधानसभा का घेराव करेंगे।
“8 हजार पेंशनर परेशानी में, आंदोलन और तेज होगा”
पेंशनरों ने बताया कि प्रदेश में लगभग 8,000 HRTC पेंशनर हैं और अधिकांश को हर महीने देरी से भुगतान का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने साफ कहा कि अगर सरकार ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन और बड़ा किया जाएगा।
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