Himachal: बिजली बोर्ड में बड़ा संकट: 9 हजार पद खाली, कर्मचारियों में प्रमोशन को लेकर बढ़ा रोष

हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन की नई कार्यकारिणी ने बुधवार को स्पष्ट किया कि अब यूनियन पूरे प्रदेश में कर्मचारियों के अधिकारों और हितों की लड़ाई मजबूती से लड़ेगी। ऊना में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेशाध्यक्ष नीतीश भारद्वाज और महासचिव प्रशांत शर्मा ने कहा कि यूनियन हर कर्मचारी की आवाज बनकर काम करेगी और किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी।

प्रशांत शर्मा ने बताया कि वर्तमान में बोर्ड के एक हजार से अधिक कर्मचारी प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में हुए अधिवेशन में घोषणा की थी कि कर्मचारियों और तकनीकी स्टाफ की रुकी हुई पदोन्नतियां तत्काल प्रभाव से की जाएंगी। हालांकि, 14 दिन बीत जाने के बाद भी किसी एक कर्मचारी के प्रमोशन ऑर्डर जारी नहीं हुए, जिससे कर्मचारियों में सरकार और प्रबंधन के खिलाफ नाराज़गी बढ़ रही है। यूनियन ने सरकार से जल्द आदेश जारी करने की मांग की है।

9 हजार पद खाली, उपभोक्ता भी परेशान

पूर्व कर्मचारी संघ महासचिव हीरालाल वर्मा ने खुलासा किया कि बोर्ड में करीब 9 हजार पद खाली हैं, जिनमें से 5 हजार पद तकनीकी कर्मचारियों के हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कमी का सीधा असर आम उपभोक्ताओं की सेवाओं पर पड़ रहा है। वर्मा ने सरकार से मांग की कि नियमित कर्मचारियों की भर्ती जल्द की जाए, ताकि उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा मिल सके।

कर्मचारियों के अधिकारों पर रोक को लेकर नाराज़गी

हीरालाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड प्रबंधन ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत बोर्ड परिसर में किसी भी प्रकार के आंदोलन या एकत्रीकरण पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने इसे कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताया और सरकार से इस आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अधिवेशन में की गई घोषणा के तहत कर्मचारियों पर लगाए गए चार्जशीट को भी रद्द करे।

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