शिमला: हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) इस वर्ष 1000 पुरानी बसों को बदलने जा रहा है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक रणधीर शर्मा के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 600 नई बसों के खरीद आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस दौरान विधायक बिक्रम ठाकुर और हंसराज ने भी अनुपूरक सवाल किए।
उन्होंने बताया कि राज्य में चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जा रहा है। शुरुआत में 1500 इलेक्ट्रिक बसें लाने की योजना थी, लेकिन केंद्र सरकार के अनुसार पूरे देश में एक लाख बसों को इलेक्ट्रिक में बदला जा रहा है, जिससे कंपनियों के पास सीमित समय है। प्रदेश में 327 इलेक्ट्रिक बसें नाबार्ड के माध्यम से खरीदी जा रही हैं, जिनके लिए आपूर्ति आदेश जारी किए जा रहे हैं। इन बसों की डिलीवरी के लिए कंपनी ने 11 महीने का समय मांगा है।
एचआरटीसी द्वारा 250 डीजल बसों और 100 टैंपो ट्रैवलर के लिए भी ऑर्डर दिए गए हैं। इसके अलावा, 100 और टैंपो ट्रैवलर खरीदे जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में टैंपो ट्रैवलर भेजी जाएंगी। जहां इलेक्ट्रिक बसें चल सकती हैं, वहां इन्हें तैनात किया जाएगा और बाकी जगहों पर डीजल बसें चलाई जाएंगी।
विभिन्न विभागों में 2561 मल्टीपर्पज वर्कर नियुक्त
विधानसभा में विधायक भुवनेश्वर गौड़ के सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों में 2561 मल्टीपर्पज वर्कर नियुक्त किए गए हैं। ये नियुक्तियां सरकार की विभागीय नीतियों के तहत की गई हैं।
पंचायतों में कूड़ा-कचरा संयंत्र लगाने का विरोध
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि पंचायतों में कूड़ा-कचरा प्रबंधन संयंत्र लगाने में सबसे बड़ी समस्या स्थानीय लोगों द्वारा इसका विरोध करना है। उन्होंने बताया कि विभाग के पास इसके लिए धनराशि उपलब्ध है, लेकिन जब संयंत्र लगाने का प्रयास किया जाता है तो ग्रामीण विरोध करते हैं। उन्होंने विधायकों से अपील की कि यदि किसी पंचायत में बड़ा प्लांट लगाना हो, तो जानकारी दें, ताकि विभाग वहां संयंत्र स्थापित कर सके।
अगले वित्त वर्ष में 800 ई-व्हीकल खरीदने की योजना
अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए विभाग ने कुछ मशीनें खरीदी हैं। पिछले वर्ष 193 ई-व्हीकल खरीदने के लिए टेंडर जारी किया गया था, और अगले वित्त वर्ष में 800 ई-व्हीकल खरीदे जाएंगे। इसके अलावा, सॉलिड वेस्ट को जलाने के लिए सीमेंट कंपनियों से एमओयू किया गया है।
पर्यटन स्थलों पर कूड़ा समस्या बनी चुनौती
अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि कुफरी, कसौली, मनाली जैसे पर्यटन स्थलों पर कूड़े की समस्या अधिक गंभीर है। उन्होंने कहा कि सॉलिड वेस्ट को अलग-अलग करना सबसे बड़ी चुनौती है। यदि कोई ऐसी मशीन उपलब्ध हो, जो इस कार्य को सरल बना सके, तो विभाग उसे खरीदने पर विचार करेगा। इसके अलावा, स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ पंचायतों को पुरस्कृत करने की योजना बनाई जा रही है।
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