हिमाचल प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के तहत सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश के अलावा पंजाब और हरियाणा में भी दबिश दी और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त किया। सीबीआई ने यह कदम उस समय उठाया जब उसने छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर छह संस्थानों के खिलाफ मामले दर्ज किए थे। यह छापेमारी विशेष रूप से उन विश्वविद्यालयों पर की गई है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा एससी, एसटी, ओबीसी और एमसी वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्तियों में धोखाधड़ी की।
सीबीआई ने जिन विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई की है, उनमें अभिलाषी विश्वविद्यालय मंडी, हिमाचल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी कांगड़ा, वेस्ट वुड इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट जीरकपुर, भाई गुरदास इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संगरूर, आर्यन ग्रुप ऑफ कॉलेज राजपुरा, और हरियाणा के अंबाला स्थित ई-मैक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस शामिल हैं। इन विश्वविद्यालयों पर आरोप है कि इन्होंने लोक सेवकों और अन्य व्यक्तियों के साथ साजिश करके डे स्कॉलर और छात्रावास में रहने वाले छात्रों के दस्तावेजों में छेड़छाड़ की और धोखाधड़ी से उच्च छात्रवृत्ति का दावा किया, जिससे सरकार को बड़ा नुकसान हुआ।
सीबीआई के मुताबिक, इस मामले में अहम दस्तावेजों को जब्त करना आवश्यक था, और विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) ने इन विश्वविद्यालयों का रिकॉर्ड खंगालने के आदेश दिए हैं। साथ ही, इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी जांच कर रहा है, और जांच के दौरान करोड़ों रुपए की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। इसके अलावा, कुछ निजी संस्थानों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है।
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