हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। अब सभी भर्तियां नए बने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्त कानून-2024 के तहत की जाएंगी। इस संबंध में वीरवार को कार्मिक विभाग की ओर से ताजा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यह निर्देश सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, बोर्डों, निगमों, हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग और राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भेजे गए हैं, ताकि वे इस कानून की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित कर सकें।
नई भर्ती नीति के तहत अब अनुबंध के आधार पर कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। इसके स्थान पर सरकार “ट्रेनी ऑफिसर” और “ट्रेनी कर्मचारी” की नियुक्ति करेगी। ट्रेनी कर्मचारियों को उनके पद के समकक्ष नियमित कर्मचारियों के वेतन का 60 प्रतिशत हिस्सा वेतन के रूप में दिया जाएगा। इसके अलावा, ट्रेनी पद पर कार्यरत कर्मचारियों को हर महीने एक आकस्मिक अवकाश, साल में 10 चिकित्सा अवकाश और 5 विशेष अवकाश देने का प्रावधान किया गया है। महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश भी मिलेगा। यदि किसी ट्रेनी की सेवाएं संतोषजनक नहीं पाई जाती हैं, तो उसे बर्खास्त भी किया जा सकेगा। साथ ही, विभागीय कार्यों के दौरान यात्रा करने पर कर्मचारियों को टीए और डीए का लाभ भी दिया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य है कि भविष्य में भर्तियों की प्रक्रिया को तेज किया जाए। इसके लिए नई नीति को अंतिम रूप दिया गया है। राज्य सरकार निकट भविष्य में करुणामूलक आधार पर नियुक्तियों के लंबित मामलों का भी चरणबद्ध समाधान करना चाहती है। इसके साथ-साथ सरकार बेरोजगार युवाओं को भी अधिकतम रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। नई भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने के लिए सभी विभागों और सरकार से संबंधित संस्थानों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने विभाग की वास्तविक स्थिति से कार्मिक विभाग को अवगत करवाएं। इसके बाद कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव को वित्त विभाग के पास स्वीकृति के लिए भेजेगा, और फिर मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद ही भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
यह नया भर्ती कानून सरकारी भर्तियों में अनुशासन, पारदर्शिता और समयबद्धता लाने का प्रयास है, जिससे राज्य के युवा वर्ग को लाभ मिल सके।
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