हिमाचल प्रदेश में मॉनसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है और इसका मिजाज बदला हुआ नजर आ रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों के कई हिस्सों में मंगलवार, 29 जुलाई 2025 के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश होने की संभावना है, जिससे सामान्य जनजीवन पर असर पड़ सकता है। ऐसे हालात में लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि बारिश से भूस्खलन, सड़कें बंद होने और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
राज्य के अन्य क्षेत्रों के लिए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। इसका आशय यह है कि वहां भी बारिश होगी, लेकिन उसकी तीव्रता ऑरेंज अलर्ट वाले क्षेत्रों के मुकाबले कम होगी। मौसम विज्ञान केंद्र, शिमला की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, पूरे हिमाचल प्रदेश में 3 अगस्त तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। हालांकि, 29 और 30 जुलाई को बारिश की गतिविधियां सबसे ज्यादा तेज रहने वाली हैं, यानी इन दो दिनों में अत्यधिक वर्षा होने की आशंका जताई गई है।

सोमवार को प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मौसम मिला-जुला रहा। राजधानी शिमला में हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई, जबकि अन्य जिलों में आसमान में बादल छाए रहे। इससे साफ जाहिर होता है कि बारिश की तीव्रता सभी जगहों पर एक जैसी नहीं थी। मौसम विभाग के अनुसार, 31 जुलाई से 3 अगस्त तक प्रदेश के विभिन्न भागों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, लेकिन इस दौरान अत्यधिक वर्षा की संभावना कम है।
लगातार बारिश के कारण अगले 48 घंटों में अधिकतम तापमान में 2 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ सकती है। तापमान में यह गिरावट लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत दे सकती है, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाएंहोने की आशंका बढ़ जाती है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है, खासकर उन इलाकों में जो भूस्खलन और जलभराव के प्रति संवेदनशील माने जाते हैं।
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