हिमाचल प्रदेश में 20 जून से लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। इस दौरान अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है और राज्य को ₹407 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। हालांकि यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है क्योंकि नुकसान का आकलन जारी है। इस आपदा में अब तक 40 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें से 34 केवल मंडी क्षेत्र से हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं, लेकिन लापता लोगों की खोज अब भी प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।
राजस्व विभाग के विशेष सचिव डीसी राणा ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में मानसून सीजन के दौरान आई इस आपदा में अधिकतर लोग या तो मलबे में दबे हैं या पानी के तेज बहाव में बह गए हैं। पिछले अनुभवों के आधार पर यह भी कहा गया कि कई बार लापता लोगों को ढूंढ पाना संभव नहीं होता, इसके बावजूद लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्य में बीते दो दिनों में 164 जानवरों की मौत हो चुकी है। साथ ही 154 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 106 पशुशालाएं पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं। भारी बारिश और भूस्खलनों के चलते राज्य में 14 पुलों और 31 वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। आपदा की स्थिति को देखते हुए राज्य में फिलहाल 5 राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें कुल 357 लोग शरण लिए हुए हैं।
मानसून के दौरान सड़क हादसों में भी 26 लोगों की जान चली गई है। लगातार बारिश के कारण राज्य में लगभग 250 सड़कें बंद पड़ी हैं। इसके अलावा 500 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो चुके हैं और 700 से अधिक पेयजल योजनाएं बाधित हैं। इन सभी को बहाल करने का कार्य तेजी से चल रहा है।
डीसी राणा ने बताया कि राज्य में आपदा से सबसे अधिक प्रभावित जिला मंडी है। विशेष रूप से थुनाग क्षेत्र में हालात गंभीर हैं, जहां बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हो गई है। इस क्षेत्र में राहत और बचाव कार्यों के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा वहां भारतीय वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर भी राहत कार्यों में लगाया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में जिस तरह से बादल फटने और बाढ़ की घटनाएं बढ़ी हैं, उससे यह साफ जाहिर होता है कि इसका सीधा संबंध जलवायु परिवर्तन से है। वर्तमान में राज्य एजेंसियों के साथ-साथ केंद्र सरकार की एनडीआरएफ की टीम भी राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई है। यदि जरूरत पड़ी, तो केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता ली जाएगी।
यह आपदा हिमाचल प्रदेश के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है, जिसमें जनहानि और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है। प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि जनजीवन को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!