Mandi: 50 साल का हुआ हिमाचल ग्रामीण बैंक, 14,500 करोड़ के कारोबार के साथ गांव-गांव मजबूत की बैंकिंग

हिमाचल ग्रामीण बैंक अपने स्थापना के 50 गौरवशाली वर्ष पूरे करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक मौके पर सोमवार को मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता में बैंक के चेयरमैन राजेंद्र ने बैंक की यात्रा और उपलब्धियों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि हिमाचल ग्रामीण बैंक की नींव 23 दिसंबर 1976 को मंडी में रखी गई थी। बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाकर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना था।

उन्होंने बताया कि बैंक के विकास में 13 फरवरी 2013 एक महत्वपूर्ण दिन साबित हुआ, जब हिमाचल ग्रामीण बैंक और पर्वतीय ग्रामीण बैंक का विलय हुआ। इस विलय के बाद वर्तमान हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक अस्तित्व में आया, जिससे बैंक की पहुंच और सेवाओं में और विस्तार हुआ।

वर्तमान समय में हिमाचल ग्रामीण बैंक प्रदेश के सभी 12 जिलों में अपनी सेवाएं दे रहा है। चेयरमैन ने बताया कि बैंक का कुल कारोबार 14.50 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है, जबकि गत वर्ष बैंक ने 33 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया है।

नेटवर्क के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में बैंक की 274 शाखाएं कार्यरत हैं और आने वाले समय में 5 नई शाखाएं खोलने की योजना है। खास बात यह है कि बैंक की करीब 99 प्रतिशत शाखाएं ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं, जिससे दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है।

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