शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने अब तक 40 सीटों के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन आगामी तीन वर्षों में उनकी सरकार युद्ध लड़ेगी और अगले विधानसभा चुनाव में 48 सीटों के साथ सत्ता में वापसी करेगी। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के लिए सरकार में कोई जगह नहीं है और इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार पर प्रदेश की संपदा लूटने का आरोप लगाया और कहा कि अब उनकी सरकार इसे बचाने का काम करेगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने दावा किया कि विपक्षी भाजपा उनकी छवि खराब करने के लिए सोशल मीडिया पर टारगेटेड कैंपेन चला रही है। उन्होंने बताया कि सीआईडी ने ऐसे 19 मामलों की पहचान की है और सोशल मीडिया पर गलत तथ्य फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने पीसी एंड एनडीपीएस एक्ट को गंभीरता से लागू नहीं किया, लेकिन उनकी सरकार ने ड्रग माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। हाल ही में नूरपुर में ड्रग माफिया से जुड़े एक व्यक्ति की संपत्ति तोड़ी गई है और 300 अन्य लोगों की संपत्तियों की पहचान कर ली गई है, जिन पर जल्द कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में पुलिस ने 25.42 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है और सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता भी सामने आई है, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिनमें से दो को बर्खास्त कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए चुनावी वर्ष में महिलाओं को परिवहन निगम की बसों में 50% सब्सिडी दी, जिससे सरकार पर सालाना 730 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ा। उन्होंने भाजपा को “दिखावे का गौ सेवक” बताया और कहा कि उनकी सरकार ने जयराम ठाकुर की गायों की भी देखभाल की। मंदिर न्यासों से सरकारी योजनाओं के लिए पैसा लेने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 15.70 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए और सिर्फ चिंतपूर्णी ट्रस्ट से 35 करोड़ रुपये विभिन्न कार्यों के लिए लिए थे।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष द्वारा 1.50 लाख नौकरियां खत्म करने के आरोपों को गलत बताया और कहा कि उनकी सरकार ने कोई ऐसा निर्णय नहीं लिया है जो जनता के खिलाफ हो। उन्होंने कहा कि अगर कोई निर्णय गलत साबित हुआ तो उसे तुरंत वापस भी लिया गया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर बात करते हुए बताया कि 2022-23 में प्रदेश की ऋण सीमा 16,352 करोड़ रुपये थी, जिसे केंद्र सरकार ने घटाकर 12,176 करोड़ रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश को वैट के तहत 3,993 करोड़ रुपये और जीएसटी लागू होने पर 3,200 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलता था, लेकिन अब यह पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, वर्ष 2021 में मिलने वाली 11,431 करोड़ रुपये की आरडीजी घटकर 2025-26 में 3,257 करोड़ रुपये रह गई है, लेकिन उनकी सरकार इस चुनौती का सामना युद्ध की तरह करेगी।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए शिमला, हमीरपुर और नेरचौक मेडिकल कॉलेजों में आधुनिक एमआरआई मशीनें लगाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि ये मशीनें एम्स के स्तर की होंगी। इसके अलावा, उन्होंने केंद्र सरकार के पास जमा 10,000 करोड़ रुपये में से 5,000 करोड़ रुपये पर प्रदेश सरकार का दावा जताया है।
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