
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने रविवार को मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में आपदा से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने थुनाग, बगस्याड़ और जंजैहली पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, उनकी बातें सुनी और उन्हें राहत सामग्री भी बांटी।
राज्यपाल ने सबसे पहले थुनाग में आपदा पीड़ितों से संवाद किया और बताया कि सबसे ज़्यादा नुकसान इसी क्षेत्र में हुआ है, जहां लोगों की निजी संपत्तियों, ज़मीन और मवेशियों को काफी क्षति पहुंची है। उन्होंने जानकारी दी कि 3 करोड़ रुपये से ज़्यादा की सहायता राशि के मामलों को मंजूरी मिल चुकी है।
उन्होंने कहा, “इतने बड़े नुकसान के बाद भी लोगों का हौसला काबिले–तारीफ है। पूरी भरपाई तो नहीं हो सकती, लेकिन हर स्तर पर मदद की जाएगी।“ साथ ही उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचने के लिए आंतरिक संसाधनों और अतिरिक्त इंतज़ामों पर गंभीरता से काम करने की ज़रूरत है।
इसके बाद राज्यपाल ने बगस्याड़ राहत शिविर और थुनाग स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में भी लोगों से मुलाकात की और उनकी परेशानियों को समझा। उन्होंने पंचायत घर पखरैर का दौरा कर झुंडी और पखरैर पंचायतों के प्रभावित इलाकों की स्थिति का जायज़ा लिया। जंजैहली में भी उन्होंने पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया।
राज्यपाल ने यह भी बताया कि राजभवन की ओर से पहले ही 5 राहत सामग्री से भरे वाहन मंडी भेजे जा चुके हैं, और एक वाहन कुल्लू के लिए रवाना किया गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगर ज़रूरत पड़ी तो और भी मदद तुरंत भेजी जाएगी।
उन्होंने कहा, “यह एक बड़ी आपदा है जिसकी भरपाई आसान नहीं है, लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि आगे चलकर ऐसी स्थिति फिर से ना आए।“ इसके लिए उन्होंने सभी को पर्यावरण संरक्षण के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों पर गंभीरता से अमल करने की बात कही।
राज्यपाल ने बताया कि केंद्र सरकार की विशेषज्ञ टीम भी मौके पर है जो आपदा के कारणों और नुकसान का आकलन कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, राज्यपाल के सचिव सीपी वर्मा, डीसी मंडी अपूर्व देवगन, एएसपी सचिन हीरेमठ समेत जिला प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
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