
हिमाचल प्रदेश का वन विभाग जल्द ही 234 लकड़ी के लॉग की नीलामी करेगा। इसमें देवदार, कायल और चील के पेड़ों की लकड़ी शामिल है। नीलामी वन मंडल स्तर पर, यानी डीएफओ कार्यालय में, खुले बोली के माध्यम से की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य गिरे हुए और बरामद पेड़ों का बेहतर प्रबंधन करना है।
वन विभाग ने इन नीलामियों की तैयारी शुरू कर दी है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उन पेड़ों को काटा गया है जो लोगों के लिए खतरा बने हुए थे। इसके अलावा, भारी मात्रा में वन माफिया द्वारा काटे गए पेड़ों को भी बरामद किया गया है। बरसात के दिनों में भारी संख्या में पेड़ गिर जाते हैं, और अब विभाग इन्हें जंगल से उठाकर स्टोर तक पहुंचा रहा है।
नई नीति से कम होंगे दाम
पहले लकड़ी को वन निगम के डिपो तक ले जाया जाता था, जिससे परिवहन लागत बढ़ जाती थी और लकड़ी महंगे दामों पर मिलती थी। नई नीति के तहत, अब इन पेड़ों की लकड़ी को वन मंडल स्तर पर ही नीलाम किया जा रहा है। इससे न केवल परिवहन लागत कम हुई है, बल्कि आम लोगों को यह लकड़ी सस्ती दरों पर उपलब्ध हो रही है।
गिरे पेड़ों का प्रबंधन
बरसात में गिरे हुए पेड़ों को उठाने और प्रबंधित करने का काम तेजी से किया जा रहा है। सड़क के पास गिरे पेड़ों के सीधे लॉग बनाए जा रहे हैं, जबकि दूर गिरे पेड़ों से स्लीपर तैयार किए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया से परिवहन भी आसान हो गया है।
वन प्रबंधन में स्थिरता का संदेश
यह पहल वन विभाग की स्थिर और टिकाऊ वन प्रबंधन नीति को दर्शाती है। गिरे हुए पेड़ों का उपयोग करके विभाग न केवल कचरे को कम कर रहा है, बल्कि राजस्व भी उत्पन्न कर रहा है। इसके अलावा, यह लकड़ी को कानूनी माध्यम से उपलब्ध कराकर अवैध कटाई को हतोत्साहित करता है।
नीलामी में भाग लेने का तरीका
- पात्रता: नीलामी में भाग लेने के लिए कोई भी व्यक्ति या व्यवसाय योग्य है।
- प्रक्रिया: इच्छुक व्यक्ति डीएफओ कार्यालय में पंजीकरण कर सकते हैं।
- उपलब्ध वस्तुएं: देवदार, कायल और चील के लॉग और स्लीपर।
यह नीलामी उच्च गुणवत्ता की लकड़ी को उचित कीमत पर खरीदने का एक शानदार अवसर प्रदान करती है।
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